- माटीकला से बने उत्पाद लोगों को काफी भा रहे है और उनकी अच्छी बिक्री भी हो रही है
जिला ग्रामोद्योग अधिकारी यूपी सिंह ने बताया कि प्रदर्शनी में वाराणसी के अतिरिक्त चंदौली, गोरखपुर, चुनार, मिर्जापुर आदि जनपदों के निर्मित माटी के खिलौने, कोलार, थाली, गिलास, दीया, मूर्तियों की स्टॉले लगी हैं। माटी कला मेला का मुख्य उद्देश्य मिट्टी का कार्य करने वाले कलाकारों, शिल्पियों के व्यवसाय में वृद्धि करने के अलावा परंपरागत कला को संरक्षित कर उनकी सामाजिक, आर्थिक, सुरक्षा एवं तकनीकी विकास को बढ़ावा देना है। यूपी सिंह ने आम जनता से भी अपील की है कि दीपावली के शुभ अवसर पर इस प्रदर्शनी में अधिक से अधिक लोग आये और शिल्पकारों द्वारा मिट्टी से निर्मित कलात्मक एवं आकर्षक कलाकृतियों की खरीदारी करे और इसका लाभ उठाये। यूपी सिंह ने बताया कि इस प्रदर्शनी में माटी कला से सम्बन्धित सभी प्रकार के उत्पाद उपलब्ध है। प्रदर्शनी का मुख्य आकषर्ण बोर्ड द्वारा वितरित डाई से निर्मित श्री लक्ष्मी-गणेश की मूर्ति, लखनऊ के सिरेमिक्स कलात्मक उत्पाद, आजमगढ़ की ब्लैक पॉटरी, गोरखपुर का टेराकोटा, कानपुर के मिटट्टी से निर्मित बर्तन, खुर्जा के चीनी मिटट्टी से बने उत्पाद व अन्य सजावटी सामान एवं विभिन्न प्रकार के डिजाइनर दिये तथा अलग-अलग जनपदों से विभिन्न विधाओं से निर्मित उत्पाद बिकी हेतु उपलब्ध है। इस प्रदर्शनी की खास बात यह है कि इसमें सारे उत्पाद हैंडीक्राफ्ट है। जो बिना मशीन के हाथों से बनाए गए हैं। उन्होंने कहा कि सरकार की ओर इस क्षेत्र के उन्हें काफी मदद दी जाती है और आगे बढ़ने के लिए लगातार प्रोत्साहित किया जाता है।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें