प्रदर्शनी की प्रोजेक्ट्स की मूल्यांकन टीम में डॉ. दीप्ति भारती, डॉ. शशि भूषण और श्री एम. एन. मिश्रा शामिल थे। उन्होंने छात्रों के प्रोजेक्ट्स का गहन मूल्यांकन किया और सर्वश्रेष्ठ प्रोजेक्ट का चयन किया। DAV दरभंगा की टीम को उनके उत्कृष्ट प्रोजेक्ट के लिए प्रथम पुरस्कार से नवाज़ा गया। साथ ही, सभी प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र प्रदान किए गए, जिससे उनका मनोबल बढ़ा।इस कार्यक्रम का आयोजन जिला प्रशासन के सहयोग से किया गया। कार्यक्रम के संयोजक, असिस्टेंट प्रोफेसर विनायक झा ने कहा कि इस विज्ञान प्रदर्शनी की सफलता में सभी शिक्षकों का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। विशेष रूप से, श्रीमती श्वेता, श्री ऋतु राज और कार्यक्रम के नोडल अधिकारी श्री चंदन ने आवश्यक समन्वय और व्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनकी तत्परता और समर्पण के कारण यह कार्यक्रम सफलतापूर्वक संपन्न हो सका। DCE दरभंगा के प्राचार्य, डॉ. संदीप तिवारी ने प्रदर्शनी की सराहना करते हुए कहा कि ऐसी गतिविधियाँ छात्रों के नवाचारी सोच को बढ़ावा देती हैं और उन्हें अपने विचारों को वास्तविक परियोजनाओं में बदलने का अवसर प्रदान करती हैं। उन्होंने आगे कहा कि इस तरह के आयोजन से छात्रों को वैज्ञानिक दृष्टिकोण और व्यावहारिक कौशल में वृद्धि होती है, जो उनके भविष्य के लिए महत्वपूर्ण है।
दरभंगा, 06 अक्टूबर (रजनीश के झा) : दरभंगा कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग (DCE) में जिला स्तरीय विज्ञान प्रदर्शनी का भव्य आयोजन किया गया, जिसमें दरभंगा के विभिन्न प्रतिष्ठित स्कूलों के छात्रों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। DAV पब्लिक स्कूल, पब्लिक स्कूल दरभंगा, बेला पब्लिक स्कूल और DCE दरभंगा के छात्रों ने अपने-अपने वैज्ञानिक प्रोजेक्ट्स का प्रदर्शन किया। प्रदर्शनी का मुख्य उद्देश्य छात्रों को अपने नवाचारों को साकार करने और वैज्ञानिक दृष्टिकोण विकसित करने के लिए एक मंच प्रदान करना था। इस प्रदर्शनी में दरभंगा सदर के एसडीएम ने विशेष रूप से उपस्थित होकर सभी छात्रों के स्टॉल का अवलोकन किया। उन्होंने छात्रों द्वारा प्रस्तुत किए गए विज्ञान प्रोजेक्ट्स की सराहना की और उन्हें भविष्य के लिए प्रेरित किया। एसडीएम ने कहा कि ऐसी प्रदर्शनी छात्रों के सृजनात्मक और वैज्ञानिक विकास में सहायक होती है और उन्हें समाज के विकास के लिए नई तकनीकों के निर्माण के लिए प्रोत्साहित करती है।प्रदर्शनी का आवलोकन कई शिक्षाविदों द्वारा किया गया, जिनमें डॉ. प्रदीप कांत चौधरी, प्रो. विद्यनाथ झा, डॉ. चंदन कुमार और अन्य फैकल्टी सदस्य शामिल थे। उन्होंने छात्रों द्वारा प्रस्तुत किए गए प्रोजेक्ट्स का निरीक्षण किया और उनकी सराहना की। प्रदर्शनी के दौरान छात्रों ने विभिन्न वैज्ञानिक सिद्धांतों को वास्तविक जीवन में लागू करने के नवाचारी तरीके प्रदर्शित किए, जिनमें से कई ने सभी को प्रभावित किया।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें