पटना : बदलो बिहार न्याय यात्रा एक बड़े जनांदोलन में हुई तब्दील : दीपंकर भट्टाचार्य - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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शनिवार, 26 अक्तूबर 2024

पटना : बदलो बिहार न्याय यात्रा एक बड़े जनांदोलन में हुई तब्दील : दीपंकर भट्टाचार्य

  • कल 27 अक्टूबर को पटना के मिलर स्कूल खेल मैदान में होगा बदलो बिहार न्याय सम्मेलन
  • 250 किलोमीटर पैदल तय कर मगध जोन की यात्रा पहुंची पटना

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पटना 26 अक्टूबर (रजनीश के झा)। विगत 16 अक्टूबर को नवादा से शुरू हुई बदलो बिहार न्याय यात्रा आज पटना पहुंच गई. 11 दिन पैदल चलकर पटना पहुंचने के पश्चात माले महासचिव का. दीपंकर भट्टाचार्य ने आज एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि बदलो बिहार न्याय यात्रा एक बड़े जनांदोलन में तब्दील हो रही है. नवादा के कृष्णानगर, जहां दलितों की झोपड़ियां जलाई गई थी, वहां से यात्रा की शुरूआत हुई थी. हिसुआ, वजीरगंज, मानपुर, गया, टिकारी, कुर्था, किंजर, जहानाबाद, मसौढ़ी, नौबतपुर, फुलवारी होते हुए यह यात्रा 250 किलोमीटर से अधिक की दूरी तय करके आज पटना पहुंची है. संवाददाता सम्मेलन में उनके अलावा पदयात्री सह काराकाट सांसद राजाराम सिंह, मिथिला जोन में यात्रा का नेतृत्व कर रहे धीरेन्द्र झा, मगध जोन के प्रभारी अमर, एमएलसी शशि यादव, अरवल विधायक महानंद सिंह, विधायक दल के उपनेता सत्यदेव राम, पालीगंज विधायक संदीप सौरभ, गोपाल रविदास, रामबलि सिंह यादव आदि उपस्थित थे. मगध जोन की यात्रा के अलावा मिथिला में बेनीपट्टी से विभिूतिपुर, चंपारण के भितहरवा से मुजफ्फरपुर, सारण में कटैया से छपरा, सांसद राजाराम सिंह के नेतृत्व में सासाराम से विक्रमगंज, बक्सर में मलई बराज तक आदि यात्राएं भी निकलीं. मगध जोन की सहायक यात्रा के रूप में पालीगंज विधायक संदीप सौरभ के नेतृत्व में बिहारशरीफ से जहानाबाद और फिर पालीगंज से दुल्हिनबाजार तथा अरवल विधायक महानंद सिंह के नेतृत्व में बाथे से कुर्था तक यात्राएं निकाली गईं. इस प्रकार कुल 25 यात्राएं निकली. मुजफ्फरपुर, बांका, पूर्णिया, वैशाली, जमुई, मधेपुरा, सहरसा, भागलपुर आदि जिलों में जिला स्तर पर यात्राओं का आयोजन हुआ.


का. दीपंकर ने आगे कहा कि यात्रा के दौरान हमें समाज के हर हिस्से और हर पीढ़ी का व्यापक समर्थन व सहयोग मिला. स्कूली छात्राओं से लेकर 70 वर्ष के बुजर्ग यात्रा के हिस्सेदार बने. नीतीश सरकार के सारे वादे झूठे साबित हुए हैं. बिहार में बदलाव जनता की आकांक्षा है. यह यात्रा एक जनांदोलन में तब्दील होती जा रही है. बिहार में जो पिछले 11 दिन रहे, हम सबके लिए बेहद यादगार हैं. जगह-जगह इंडिया गठबंधन के नेताओं-कार्यकर्ताओं का भी समर्थन मिला. इस यात्रा से एक नई उम्मीद पैदा हुई है. पदयात्रा के दौरान भूमि सर्वे की आड़ में बेदखली की मार झेल रहे गरीब-गुरबों, स्मार्ट मीटर से त्रस्त व्यापक आबादी, 1500 रु. का मानदेय भी सरकार द्वारा छीन लेने के खिलाफ आंदोलित जीविका कार्यकर्ताओं सहित सभी किस्म के स्कीम वर्करों, छात्र-नौजवानों व अल्पसंख्यक समुदाय का हमें समर्थन मिला. हमने स्पष्ट रूप से कहा कि जबतक सभी गरीबों को आवासीय जमीन का पर्चा नहीं मिल जाता भूमि सर्वे पर रोक लगे. यात्रा के दौरान यह और भी स्पष्ट रूप से स्थापित हुआ. महागठबंधन की सरकार में आशा कार्यकर्ताओं के लिए तय 2500 रु. मानदेय का समझौता अभी तक शुरू नहीं हो सका है. भाजपा की तरफ चले जाने के बाद नीतीश कुमार ने इसे ठंडे बस्ते में डाल दिया है जिसके कारण पूरे राज्य में आशा कार्यकर्ताओं में भारी गुस्सा है. गया में हम सज्जन मांझी की पत्नी ललिता देवी से मिले जिनकी हत्या सामंती ताकतों ने महज 100 रु. बकाया मजदूरी मांगने के कारण कर दी थी. टिकारी में संजय मांझी से मुलाकात हुई जिनका हाथ काट लिया गया था. वे अपनी मांगों के साथ हमें ज्ञापन देने पहुंचे. कहीं स्कूल की चाहत दिखी तो कहीं रोड की. यात्रा तो माले की थी लेकिन यह बिहार के बदलाव की यात्रा बन गई.


उन्होंने कहा कि हमने अपनी यात्रा के दौरान देखा कि बिहार के बच्चे स्कूल की मांग कर रहे थे, लेकिन भाजपा नेता व केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह त्रिशुल बांटने की बात कह रहे हैं. झारखंड विधानसभा व बिहार में हो रहे उपुचनाव को लेकर भाजपा पूरे राज्य में उन्माद-उत्पात भड़काना चाहती है, लेकिन बिहार की जनता जागरूक है. वह भाजपाइयों की साजिश को नाकामायाब बनाएगी. भाजपा की यात्रा संविधान व हिन्दुस्तान के खिलाफ है. भाजपा वाले कहते हैं कि बिहार-झारखंड में बांग्लादेशी घुस आए हैं. लेकिन यदि बॉर्डर से घुसपैठिए घुस रहे हैं तो इसका जवाब तो सरकार को ही देना होगा. जवाब देने की बजाए वे उन्माद-उत्पात की राजनीति कर रहे हैं. उपचुनाव के इलाके से तो यात्रा नहीं गुजरी लेकिन हम गया से गुजरे जहां हाल के दिनों में सर्वाधिक दलित हिंसा हुई है. जनता पीड़ित है. जिस प्रकार से लोकसभा चुनाव में दक्षिण बिहार में भाजपा गठबंधन को करारी हार मिली थी, उपचुनाव में भी इस गठबंधन को हार मिलेगी. झारख्ंाड में इंडिया गठबंधन में जिस प्रकार का समझौता होना चाहिए था वह सम्मानजक समझौता नहीं हुआ. जेएमएम और कांग्रेस ने एकतरफा सीटों की घोषणा कर दी है. अभी नामांकन का दौर चल रहा है. हमें उम्मीद है कि नामांकन वापसी तक इंडिया गठबंधन के बीच पूर्ण सहमति बन जाएगी. कल 27 अक्टूबर को पटना के मिलर हाई स्कूल के खेल मैदान में बदलो बिहार न्याय सम्मेलन होगा जिसमें सभी पदयात्रियों की भागीदारी होगी. उसके बाद हम आगे के आंदोलनों की योजना बनाएंगे.

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