वाराणसी : ‘आए तेरे भवन, दे दे अपनी शरण, रहें तुझ में मगन...’ - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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मंगलवार, 8 अक्तूबर 2024

वाराणसी : ‘आए तेरे भवन, दे दे अपनी शरण, रहें तुझ में मगन...’

  • काशी के पूजा पंडालों में पधारीं मां जगदंबा, आज देंगी सजीव दर्शन, देखते ही बन रही गलियों से लेकर चौराहों तक भव्य पंडालों की रौनक

Durga-puja-varanasi
वाराणसी (सुरेश गांधी)। ’आए तेरे भवन, दे दे अपनी शरण, रहें तुझ में मगन...’और ’मैया का चोला हैं रंगला’ जैसे भक्ति गीतों और माता की भेंटों की मधुर स्वर लहरियों के बीच जय माता दी के जयकारे की गूंज चहुंओर सुनाई देने लगी है। जी हां, शिव की नगरी में शक्ति की आराधना के रंग निखर गए हैं। गलियों से लेकर चौराहों तक स्थापित पंडालों की रौनक देखते ही बन रही है। कहीं वृंदावन के प्रेम मंदिर तो कहीं सर्ववेद मंदिर तो कहीं शीश महल, द्वारिकाधीश मंदिर, तो कहीं आदि योगी जी यानि शिव मंदिर का नजारा दिखेगा। फिरहाल, बंगाली समाज की दुर्गा पूजा की शुरुआत मंगलवार को हुई। ढाक के साथ श्री श्री देवी दुर्गा की अगवानी की गई। मां के प्रतिमा की स्थापना भी की गई। सुबह वैदिक मंत्रोंचार के साथ कल्पारंभ की पूजा विधि विधान से की गयी। बुधवार को धनुची नृत्य की प्रस्तुति होगी। उधर, सुबह से ही मां दुर्गा के छठे स्वरूप देवी कात्यायनी की पूजा-अर्चना के लिए चौक क्षेत्र में सिंधिया घाट के ऊपर मां कात्यायनी देवी का दर्शन-पूजन शुरु हो गया था। भोर में जब मां कात्यायनी के शृंगार और उनकी मंगला आरती के बाद उनके पट को दर्शन-पूजन के लिए खोला गया तो कतार में खड़े  भक्त मां का जयकारा लगाते हुए दर्शन पूजन शुरू किया। दर्शन-पूजन का यह सिलसिला देर रात तक अनवरत जारी रहा।


शारदीय नवरात्र की सप्तमी पर पूजा पंडालों में भक्त माता के सजीव दर्शन कर सकेंगे। इसी के साथ ही दुर्गोत्सव के तीन दिवसीय अनुष्ठान और उल्लास का सिलसिला आरंभ हो जायेगा। शहर के अंदर बने पंडालों में देश भर के मंदिरों की झलक, धर्म के साथ विज्ञान को प्रणाम करने की ललक हर किसी को लुभा रही है। शहर की गलियों से लेकर चौराहों तक और चौराहों से लगायत जिले के ग्रामीण क्षेत्रों तक पूजा पंडालों की रौनक देखते ही बन रही है। रंग-बिरंगी विद्युत झालर की टिमटिमाती रोशनी पूजा पंडालों के बाहर डीजे की धुन पर बज रहे भक्ति गीत अलग ही समां बांध रहे है। हथुआ मार्केट में सर्ववेद मंदिर, जगतगंज में योगीराज शिव मंदिर बच्चों के लिए आकर्षण का केंद्र हैं। हथुआ मार्केट, नई सड़क सनातन धर्म, जगतगंज समेत पांडेयपुर व अन्य स्थानों पर भव्य पूजा पंडालों का निर्माण होता है. भारत के अलग-अलग मंदिरों और प्रसिद्ध इमारत की तर्ज पर पूजा पंडालों का निर्माण किया जाता है. इसे देखने के लिए पूरे पूर्वांचल से बड़ी संख्या में सप्तमी, अष्टमी और नवमी के दिन लोगों की भीड़ जुटती है। मंगलवार को षष्ठी शाम ढलते ही काशी की सड़कों की रंगत बदल गई। कहीं सतरंगी रोशनी, कहीं चकाचौंध के बीच धुनुची नृत्य के साथ ढाक की गूंज सुनाई देने लगी।


श्री श्री दुर्गा पूजा समिति द्वारा शिवपुर मिनी स्टेडियम में स्थापित दुर्गा पूजा पंडाल इस बार और भी आकर्षक होने जा रहा है। षष्टि तिथि से माता रानी का दर्शन और पूजन शुरू होगा। इस बार वृंदावन के प्रसिद्ध कृपालु जी महाराज द्वारा निर्मित प्रेम मंदिर की तर्ज पर 100 फीट ऊंचा और 75 फीट चौड़ा पंडाल बनाया गया है, जहां 13 से 14 फीट ऊंची मां दुर्गा की प्रतिमा स्थापित की गयी है। पंडाल के बाहर राधा-कृष्ण की झूले पर बैठी प्रतिमाएं और गोपियों की मूर्तियां श्रद्धालुओं का ध्यान आकर्षित करेंगी। समिति के अध्यक्ष सुशांत जायसवाल और मंत्री राकेश गुप्ता ने बताया कि बंगाल के कारीगरों द्वारा बांस, बल्ली, कपड़े और थर्माकोल से प्रेम मंदिर की तर्ज पर पंडाल का निर्माण किया गया है। अंदर चारों ओर राधा-कृष्ण की तस्वीरें लगाई गयी है। टाउनहॉल में सार्वजनिक दुर्गा पूजा समिति की ओर से आठ फीट की मां दुर्गा सिंहासन के ऊपर शेर पर विराजमान होकर भक्तों को दर्शन दे रही हैं। दारानगर और मच्छोदरी स्थित शारदा विद्या मंदिर में आठ-आठ फीट की मां दुर्गा महिषासुर मर्दिनी स्वरूप में शेर पर सवार होकर भक्तों को दर्शन दे रही हैं। इसके अलावा भगवान गणेश, भगवान कार्तिकेय, मां लक्ष्मी, मां सरस्वती और हनुमान जी की प्रतिमाएं भी स्थापित की गई हैं।


ड्रोन कैमरे पर प्रतिबंध, संदिग्धों पर रहेगी कड़ी नजर

दुर्गा पूजा और दशहरा के दौरान शहर में संदिग्धों, मनचलों पर पुलिस की नजर रहेगी। सादे वेश में महिला और पुरुष कर्मी पूजा पंडालों और चौराहों के पास मौजूद रहेंगे। वहीं, कमिश्नरेट में धारा 144 लागू होने के चलते ड्रोन कैमरे पर प्रतिबंध है। श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर, ज्ञानवापी परिसर की ओर ड्रोन कैमरे पर पूरी तरह से रोक है। ऐसा करते हुए पकड़े जाने पर कानूनी कार्रवाई तय है।

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