सीहोर : शुक्रवार को किया जाएगा भव्य रूप से भंडारा, हजारों की संख्या में शामिल होंगे श्रद्धालु - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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मंगलवार, 8 अक्तूबर 2024

सीहोर : शुक्रवार को किया जाएगा भव्य रूप से भंडारा, हजारों की संख्या में शामिल होंगे श्रद्धालु

  • आज किया जाएगा कालरात्रि का विशेष श्रृंगार

Bhandara-sehore
सीहोर। शहर के विश्रामघाट मां चौसट योगिनी मरीह माता मंदिर हर साल की तरह इस साल भी साधकों के द्वारा आस्था और उत्साह के साथ शारदीय नवरात्रि का पर्व मनाया जा रहा है। मंगलवार को यहां पर मौजूद श्रद्धालुओं के द्वारा मां कात्यायनी का आह्वान किया गया। इस मौके पर मंदिर के व्यवस्थापक गोविन्द मेवाड़ा, रोहित मेवाड़ा, जिला संस्कार मंच के जितेन्द्र तिवारी, मनोज दीक्षित मामा, पंडित उमेश दुबे, ज्योतिषाचार्य पंडित गणेश शर्मा, सुनील चौकसे, रामू सोनी, सुभाष कुशवाहा आदि शामिल थे। बुधवार को मां कालरात्रि की पूजा अर्चना के अलावा शुक्रवार को भव्य रूप से भंडारे का आयोजन किया जाएगा।  


इस मौके पर मनोज दीक्षित मामा ने बताया कि मां कात्यायनी की पूजा करने से व्यक्ति के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं। मां कात्यायनी अपने भक्तों के सभी पाप हर लेती हैं। साथ ही मां कात्यायनी की पूजा करने से व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है। बात करें मां के जन्म की तो विश्वप्रसिद्ध ऋषि कात्यायन ने मां भगरती की उपसना की और कठिन तपस्या की। जब मां भगवती ने उन्हें दर्शन दिए तो उन्होंने मां भगवती सा वरदान मांगा की उनके घर पुत्र का जन्म हो। इसके बाद मां भगवती ने स्वंय उनके घर में जन्म लिया। इसलिए उनका नाम कात्यायानी पड़ा। इतना ही नहीं गोपियों ने भी भगवान कृष्ण को पति रुप में पाने के लिए मां कात्यायनी की पूजा अर्चना की थी। मां कात्यायनी का स्वरुप बहुत ही चमकीला है। इनकी चार भुजाएं हैं। उनका दाई तरफ का ऊपर वाला हाथ अभयमुद्रा में रहता है। और उसके नीचे वाला हाथ वर मुद्रा में. मां के बाईं तरफ के ऊपर वाले हाथ में तलवार है और नीचे वाले हाथ में कमल का फूल विराजमान हैं। मां कात्यायनी भी सिंह की सवारी करती हैं। इनकी पूजा करने से व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है।

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