जन सुराज के उम्मीदवारों के नामांकन के मौके पर प्रशांत किशोर ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि हमारे अभियान की ताकत उसकी ईमानदारी और निष्ठा में है, न कि वाहनों या लोगों की संख्या में। हम इस अभियान में पिछले दो वर्षों से पैदल ही गांव-गांव जा रहे हैं, उसी तरह आज भी हम नामांकन दाखिल करने के लिए वाहन में नहीं बल्कि पैदल ही आए हैं। प्रशांत किशोर ने बताया कि आज 2 अक्टूबर 2024 को जन सुराज पार्टी के गठन के बाद पहली बार पार्टी का कोई उम्मीदवार नामांकन दाखिल कर रहा है। जन सुराज के सभी कार्यकर्ता, समर्थक और जन सुराज को बिहार का भविष्य मानने वाले सभी लोग काफी उत्साह दिखा रहे हैं। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि बिहार की जनता पिछले 30-35 वर्षों से लालू जी के अपराधियों के जंगलराज और अब नीतीश कुमार के अफसरों के जंगलराज से तंग आ चुकी है। अब जनता इन दोनों पार्टियों को बिहार की सत्ता से उखाड़ फेंकने का मन बना चुकी है। इसलिए हमें पूरा भरोसा है कि 23 नवंबर को जब उपचुनाव के नतीजे आएंगे तो जन सुराज पार्टी के चारों उम्मीदवार जीतेंगे।
बेलागंज विधानसभा से उम्मीदवार मोहम्मद अमजद (53 वर्ष)
मोहम्मद अमजद की राजनीति में उनकी प्रभावशाली पृष्ठभूमि रही है। वह 2010 में जदयू के टिकट पर बेलागंज से चुनाव लड़ चुके हैं, जिसमें उन्हें 48,441 वोट मिले थे। इसके अलावा, 2005 के चुनावों में भी उन्होंने जदयू और लोजपा के टिकट पर चुनाव लड़ा था। वह भलुवा 1 पंचायत के पूर्व मुखिया रह चुके हैं और क्षेत्र में अपने सामाजिक योगदान के लिए जाने जाते हैं।
इमामगंज विधानसभा से उम्मीदवार डॉ. जितेंद्र पासवान
डॉ. जितेंद्र पासवान पेशे से डॉक्टर हैं और न्यूनतम शुल्क में बेहतर चिकित्सा सेवा प्रदान करने के लिए जाने जाते हैं। कोविड-19 के दौरान शेरघाटी अनुमंडल में उन्होंने मुफ्त चिकित्सा सेवा उपलब्ध कराई थी। वह पूर्व में मुखिया प्रतिनिधि और पंचायत समिति के सदस्य भी रह चुके हैं। जन सुराज के उम्मीदवार के रूप में वह समाज सेवा और चिकित्सा सेवा के क्षेत्र में जनता की सेवा करने का वादा किया हैं।
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