- अन्न को धरती पर साक्षात ब्रम्हा का स्वरूप भी माना गया : अतिया औसफ
उक्त विचार शहर के सैकड़ाखेड़ी स्थित संकल्प नशा मुक्ति केन्द्र में जिला उपभोक्ता संरक्षण परिषद के तत्वाधान में विश्व खाद्य दिवस के तत्वाधान में आयोजित कार्यक्रम में विशेष अतिथि बारिया शिक्षा एवं कल्याण समिति-तारा फाउंडेशन की संचालिका अतिया औसाफ ने कहे। कार्यक्रम का आयोजन परिषद के जिलाध्यक्ष विष्णु प्रजापति के निर्देश पर किया गया। इस दौरान कार्यक्रम का सफल संचालन श्रद्धा भक्ति सेवा समिति के मीडिया प्रभारी मनोज दीक्षित मामा ने कहा कि हमें खाद्य सुरक्षा के पूरे प्रयास करना चाहिए। खाद्य सुरक्षा हासिल करने का अर्थ है भूख के मूल कारणों, जैसे गरीबी, असमानता और अपर्याप्त कृषि प्रणालियों से निपटना। इस साल विश्व खाद्य दिवस सरकारों से आग्रह करता है कि वे खाद्य नीतियों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को मजबूत करें जो स्थानीय कृषि को बढ़ावा देती हैं, छोटे किसानों का समर्थन करती हैं और प्राकृतिक संसाधनों की रक्षा करती हैं। एफएओ की मानें तो दुनिया भर में 2.8 अरब से अधिक लोग स्वस्थ भोजन का खर्च उठाने में असमर्थ हैं। अस्वास्थ्यकर भोजन सभी प्रकार के कुपोषण का प्रमुख कारण है। कुपोषण, सूक्ष्म पोषक तत्वों की कमी और मोटापा, जो अब अधिकतर देशों में मौजूद है। फिर भी आज बहुत से लोग भूख से पीडि़त हैं और स्वस्थ आहार का खर्च उठाने में असमर्थ हैं। कार्यक्रम के दौरान जिला संस्कार मंच के उपाध्यक्ष समाजसेवी धर्मेन्द्र माहेश्वरी, राहुल माहेश्वरी, मजदूर संघ के अध्यक्ष राजकुमार पुरविया, आशीष माहेश्वरी आदि शामिल थे।
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