समस्तीपुर : शिवाजीनगर प्रखंड प्रमुख गोविंद कुमार ने स्कूल का किया निरीक्षण - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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शनिवार, 26 अक्तूबर 2024

समस्तीपुर : शिवाजीनगर प्रखंड प्रमुख गोविंद कुमार ने स्कूल का किया निरीक्षण

  • बच्चों की कम उपस्थिति और मिड-डे मील की खराब स्थिति पर जताई चिंता

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समस्तीपुर (रजनीश के झा)। जिले के शिवाजीनगर प्रखंड में प्रखंड प्रमुख गोविंद कुमार ने आज शनिवार को शिवाजीनगर प्रखंड अंतर्गत उत्क्रमित प्राथमिक विद्यालय, उसराही दसौत का निरीक्षण किया। इस निरीक्षण के दौरान कई गंभीर अनियमितताएं पाई गईं, जिन्हें प्रखंड प्रमुख ने सोशल मीडिया के माध्यम से उजागर करते हुए जिलाधिकारी और शिक्षा विभाग से त्वरित कार्रवाई की मांग की।


हेड मास्टर छुट्टी पर, बच्चों की उपस्थिति कम

निरीक्षण के समय, विद्यालय के हेड मास्टर बबलू साहू छुट्टी पर पाए गए। विद्यालय में बच्चों की उपस्थिति को लेकर भी अनियमितता देखी गई। रजिस्टर में 94 बच्चों की उपस्थिति दर्ज थी, लेकिन वास्तविक उपस्थिति में केवल 10 बच्चे ही उपस्थित थे। विशेष रूप से, इन 10 बच्चों में से सभी जूनियर वर्ग के थे, जबकि एक भी सीनियर कक्षा का छात्र उपस्थित नहीं पाया गया। बच्चों की वास्तविक उपस्थिति और रजिस्टर में दर्ज उपस्थिति के बीच का यह अंतर प्रशासनिक लापरवाही को दर्शाता है।


मिड-डे मील की स्थिति बेहद खराब, मेनू के अनुसार भोजन नहीं मिला

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निरीक्षण के दौरान प्रखंड प्रमुख ने मिड-डे मील की व्यवस्था की भी जांच की। उन्हें यहां पर मिड-डे मील की स्थिति बेहद खराब मिली। आज के मिड-डे मील के मेनू के अनुसार बच्चों को भोजन नहीं दिया गया था। बच्चों को पोषण प्रदान करने के उद्देश्य से मिड-डे मील योजना शुरू की गई है, लेकिन यहां उसकी स्थिति देखकर प्रखंड प्रमुख ने गहरी चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि बच्चों को पौष्टिक आहार उपलब्ध कराना प्राथमिकता होनी चाहिए, ताकि उनकी सेहत और शैक्षणिक प्रदर्शन में सुधार हो सके।


सोशल मीडिया पर वीडियो साझा कर मांगा त्वरित सुधार

प्रखंड प्रमुख डॉ. गोविंद कुमार ने अपने एक्स (पूर्व में ट्विटर) और फेसबुक अकाउंट पर इस निरीक्षण का वीडियो साझा किया। वीडियो के माध्यम से उन्होंने समस्तीपुर के जिलाधिकारी और शिक्षा विभाग से इस मामले को गंभीरता से लेने और उचित कदम उठाने की अपील की है। उन्होंने कहा कि ऐसी स्थिति में बच्चों की शिक्षा और पोषण दोनों प्रभावित हो रहे हैं, जिसे जल्द से जल्द ठीक किया जाना चाहिए। डॉ. गोविंद कुमार ने अपने वीडियो संदेश में कहा, "सरकारी स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति कम होना और मिड-डे मील योजना का सही तरीके से लागू न होना एक बड़ी समस्या है। मैं जिला प्रशासन और शिक्षा विभाग से अपील करता हूं कि वे इस मामले को संज्ञान में लें और विद्यालय में सुधार के लिए त्वरित कदम उठाएं। बच्चों की शिक्षा और पोषण से समझौता नहीं होना चाहिए।"


प्रशासनिक कार्रवाई की प्रतीक्षा में स्थानीय लोग

प्रखंड प्रमुख द्वारा सोशल मीडिया पर साझा किए गए इस वीडियो के बाद, स्थानीय लोगों और अभिभावकों में जागरूकता बढ़ी है। वे अब जिलाधिकारी और शिक्षा विभाग से त्वरित कार्रवाई की उम्मीद कर रहे हैं। स्थानीय निवासियों का मानना है कि यदि इस मामले में समय रहते कार्रवाई की जाती है, तो न केवल बच्चों की शिक्षा में सुधार होगा बल्कि सरकारी स्कूलों की छवि में भी सकारात्मक बदलाव आएगा।


क्या कदम उठाएगा प्रशासन?

प्रखंड प्रमुख द्वारा उठाए गए इस मुद्दे ने स्थानीय प्रशासन के सामने एक महत्वपूर्ण चुनौती खड़ी कर दी है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि जिलाधिकारी और शिक्षा विभाग इस मामले में क्या कदम उठाते हैं। क्या बच्चों की उपस्थिति और मिड-डे मील की स्थिति में सुधार के लिए त्वरित कदम उठाए जाएंगे, या फिर यह मामला भी अन्य शिकायतों की तरह फाइलों में दब कर रह जाएगा? फिलहाल, स्थानीय लोग और अभिभावक प्रखंड प्रमुख द्वारा उठाए गए इस मुद्दे का समर्थन कर रहे हैं और वे उम्मीद कर रहे हैं कि इस पर त्वरित और प्रभावी कार्रवाई की जाएगी। इससे न केवल बच्चों को बेहतर शिक्षा और पोषण मिलेगा, बल्कि सरकारी स्कूलों में अनुशासन और जिम्मेदारी की भावना भी मजबूत होगी।

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