सीहोर : सीवन नदी घाट पर शारदीय नवरात्र महापर्व बड़े ही आनंद-उल्लास मनाया जा रहा है - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

शनिवार, 5 अक्तूबर 2024

सीहोर : सीवन नदी घाट पर शारदीय नवरात्र महापर्व बड़े ही आनंद-उल्लास मनाया जा रहा है

Sehore-navratri
सीहोर। प्राचीन श्री सिद्धिदात्री अंबा मां बिजासनी मंदिर सीवन नदी घाट पर शारदीय नवरात्र महापर्व बड़े ही आनंद-उल्लास के साथ प्रारंभ हुआ।मंदिर समिति सचिव महेश शर्मा ने बताया नौ दिवसीय मां सिद्धिदात्री की आराधना का पर्व घट स्थापना एवं भगवान कुबेर जी के ज्वारे स्थापना के साथ शुरू हुआ। पंडित सत्य प्रकाश समाधिया ने देवालय में स्थापित देवी देवताओं का मंत्र उच्चारण के साथ पूर्ण विधि विधान से अभिषेक एवं पूजन अर्चन कराया। समिति के सदस्य राजेश शर्मा, दिनेश सोनी ने बताया सभी समिति के सदस्य वर्षों पुरानी परंपरा अनुरूप प्रत्येक नवरात्रि में मां के पूर्ण सप्तशती महापाठ का संकल्प करते हैं। महापर्व की नवमी को शतचंडी यज्ञ पूर्ण विधान अनुरूप संपन्न होता है। समिति के वरिष्ठ सदस्य गुरु बच्चन सिंह होरा ने बताया देवालय में मां हरसिद्धि मंदिर उज्जैन से पदयात्रा कर लाई गई ज्योत अखंड रूप से प्रज्वलित है। दूर-दूर से मां के भक्त मां के ज्योति स्वरूप का दर्शन करने आते हैं। नौ दिन ही मां सिद्धिदात्री के आलौकिक स्वरूप का दर्शन नव शृंगार एवं वस्त्र साज सज्जा के साथ किया जाता है। पर्व की सप्तमी को नौ माताओं एवं नौ कन्याओं का पूजन, वस्त्र, फल एवं भेंट देकर किया जाता है। इस वर्ष नवरात्रि पर्व पर देवालय मै विद्युत साज सज्जा एवम फ्लावर डेकोरेशन, सेवा भाव से किया है। महापर्व कन्या भोज व्यवस्था प्रभारी आदित्य मुंदड़ा ने बताया दशहरा पर्व के दिन कुबेर भंडारी के दिव्य ज्वारो का जिन पर मां सिद्धिदात्री अपने चरण रखकर देवालय में पधारती है उनका विसर्जन उपरांत देवालय में कन्या भोजन के साथ शारदीय नवरात्रि महापर्व का समापन होगा। 

कोई टिप्पणी नहीं: