मधुबनी : आरएसएस ने पथ संचलन कार्यक्रम का आयोजन - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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सोमवार, 7 अक्तूबर 2024

मधुबनी : आरएसएस ने पथ संचलन कार्यक्रम का आयोजन

Rss-madhubani
मधुबनी : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, मधुबनी नगर के तत्वावधान मे 06 अक्तूबर को को अपराह्न 03:00 बजे से पथ संचलन कार्यक्रम का आयोजन स्थानीय जे० एन० कॉलेज,  मधुबनी के प्रांगण में किया गया | पथ संचलन स्थानीय जे० एन० कॉलेज,  मधुबनी के प्रांगण से प्रारम्भ हो कर राउत पट्टी, महंथीलाल चौक, चुड़ी बाज़ार, बाटा चौक, थाना मोड़, स्टेशन रोड, तिलक चौक, शंकर चौक होते हुए पुनः जे० एन० कॉलेज,  मधुबनी पहुच कर संपन्न हुआ |  मधुबनी जिला के प्रत्येक खंड से पूर्ण गणवेश में सैकड़ो की संख्या मे एकत्रित हुये स्वयंसेवकों ने इस पथ संचलन में भाग लिया | घोष बैंड राष्ट्र भक्ति की धुन बजाते हुए चल रहे थे | स्वयंसेवक हाथों मे दंड लेकर चल रहे थे | इसी क्रम मे कार्यक्रम के क्रम में ध्वज वंदन, प्रार्थना व बौद्धिक हुआ | आर० एस० एस० मधुबनी के मा०  जिला  संघचालक अरविंद सिंहा जी ने मुख्यवक्त्ता के रूप में अपने बौद्धिक से स्वयंसेवकों का मार्गदर्शन किया | सम्पूर्ण हिन्दू समाज को विजयदशमी की शुभकामना प्रेषित करने के उपरांत उन्होंने उद्दृत किया कि 99 वर्षों की सतत साधना और समर्पण के कारण आज भारत एवं आर० एस० एस० एक दुसरे के पर्यायवाची  बन गये हैं | अनेकों कार्यकर्ताओं के त्याग व तपस्या  का ही फल है कि विश्व पटल पर भारत के विश्व गुरु होने के प्रमाणिकता को उत्कृष्ठता एवं प्रतिष्ठा प्राप्त हो रही है | प्राचीनकाल से हमारे पूर्वजों ने विभिन्न विदेशी शक्तियों से हमारे सनातनी समाज की रक्षा की है और एक व्यव्यस्थित जीवन शैली वरदान स्वरुप दिया है, किन्तु वर्त्तमानकाल मे अपना समाज विदेशी आक्रान्ताओं के प्रभाव से उत्पन्न हुये हमारी आपसी वैचारिक मत-भिन्नता  के कारण दूषित होता जा रहा है | हिन्दूओं मे हिंदू भाव मे क्षीणता एवं जाति भाव मे प्रबलता आती जा रही है, जो की अपने समाज को विघटन  की ओर ले जा रहा है | हम सभी को राष्ट्र और हिन्दुत्व के संवर्धनार्थ,  वैचारीक स्तर पर  निश्चित रूप से एकता के सूत्र में बंधना होगा तभी राष्ट्र सशक्त एवं समृद्धिशाली बना रहेगा | पंक्ति के माध्यम से उन्होंने कार्यकर्ताओं का आह्वाहन करते हुए कहा कि जग नही सुनता कभी दुर्बल जनों का शान्ति प्रवचन शीश झुकाता है उसे जो कर सके रिपु मान मर्दन | उन्होंने कहा कि इन सबों से अपने समाज के रक्षार्थ मा० आदि संघचालक प० पू० हेडगेवार जी की दृष्टि में हिंदू समाज के युवकों को एकात्मभाव के साथ संगठित होना होगा तथा प्रबलता से अपने समाज के विघटनकारी शक्तियों का प्रतिकार करना होगा | इस अवसर पर विभाग, जिला, नगर स्तर के पदाधिकारीगण एवं स्वयंसेवकगण महती संख्या में उपस्थित थे |

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