चायनीज लहसून कैसे पहचानें
चाइनीज लहसुन चूंकि कैमिकल्स के इस्तेमाल से बनता है अतःइसमें सिंथेटिक प्रोसेस का इस्तेमाल होता है, ऐसे में यह एकदम सफेद, साफ चमकदार और हल्का सफेद व गुलाबी रंग का होता है। जबकि देसी लहसुन कुछ क्रीम या पीलापन लिए हुए सफेद लहसुन होता है। भारतीय लहसुन का ऊपरी हिस्सा ऊबड़-खाबड़ एवं उभरी सतह की होती है जो इसके नेचुरल ग्रोथ के कारण होती है। जबकि चायनीज लहसून की बाहरी सतह काफी ज्यादा सॉफ्ट एवं इसका शेप बिल्कुल परफेक्ट दिखता है। चायनीज लहसून का आकार थोड़ा बड़ा होता है जबकि भारतीय लहसुन आकार में छोटा होता है। भारतीय लहसुन की गंध तीखी होती है, जबकि चायनीज लहसून की सुगंध हल्की होती है। चाइनीज लहसुन छीलने में आसान होता है, इसलिए महिलाएं अक्सर मंडियों से इसे ही खरीदती हैं, जबकि देसी लहसुन को इसकी बारीक और पतली कलियों के चलते छीलना थोड़ा मुश्किल होता है। सीमा शुल्क विभाग के द्वारा जब्त किए गए लहसून के नमूने को जाँच के लिए प्लांट एंड क्वारंटाइन विभाग में भेजा जाता है। जाँच मेंमानव उपभोग के लिए उपयुक्त नहीं पाए जाने पर पर विभाग के द्वारा इसेनष्ट कर दिया जाता है।
प्रतिबंधित चायनीज लहसून के भारतीय बाजारों में प्रवेश के विरोध में विभिन्न किसान एवं व्यापारी संगठनों ने अपनी अपनी चिंताएं व्यक्त की है। चायनीज लहसुन के भारतीय बाजार में आने से यहाँ के किसानों और व्यापारियों को नुकसान उठाना पड़ रहा है। हालांकि भारत सरकार एवं सीमा शुल्क विभाग इसको रोकने के लिए पूरी तरह मुस्तैद है । पिछले कुछ समय से सीमा शुल्क पटना केआयुक्त डॉ यशोवर्धन पाठक के दिशानिर्देश में तस्करी को रोकने के लिए विशेष अभियान चलायी जा रही है।उन्होंने ने बताया कि झारखण्ड में होने वाले विधान सभा चुनाव को देखते हुए तस्करी के खिलाफ यह अभियान आगे और भी अधिक प्रबलता से जारी रहेगा एवं इसमें संलिप्त लोगों केविरुद्ध सीमा शुल्क अधिनियम के तहत कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इसके लिए मुख्यालय स्तर पर नियंत्रण कक्ष एवं उड़नदस्ता टीम का गठन किया गया है व सभी अधिकारीयों कोइसके लिए अलर्ट रहने के लिए दिशा निर्देश जारी किया गयाहै। इसके अतिरिक्त अन्य विभागों यथा रेलवे पुलिस बल, पुलिस विभाग तथा अन्य सरकारी संस्थाओं और सूचना देने वालेव्यक्तियों का भी सीमा शुल्क विभाग द्वारा चलाए जा रहे इसतस्कर निरोधक अभियान में भविष्य में भी बेहतर समन्वय औरसहयोग अपेक्षित है ताकि ऐसी गैर कानूनी गतिविधि परपूर्णविराम लग सके। इस सम्बन्ध में यह भी बताया की तस्करीविरोधी अभियान में सहयोग करने वाले विभागों यथा रेलवेपुलिस बल, पुलिस विभाग तथा अन्य सरकारी संस्थाओं केअधिकारीयों एवं सूचना देने वाले व्यक्तियों को सीमा शुल्कअधिनियम के अंतर्गत प्रोत्साहन राशि देने का भी प्रावधान है।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें