- आज किया जाएगा कन्याओं को हलवे की प्रसादी का वितरण
सीहोर। हर साल की तरह इस साल भी शहर के विश्रामघाट मां चौसट योगिनी मरीह माता मंदिर में आस्था के साथ शारदीय नवरात्रि का पर्व मनाया जा रहा है। इस मौके पर देवी के साधकों के द्वारा पूर्ण विधि-विधान से हर दिन मां की पूजा अर्चना की जा रही है। सुबह मंदिर में हवन और शाम को प्रसादी का वितरण किया जा रहा है। शुक्रवार को यहां पर मौजूद श्रद्धालुओं ने धर्म ध्वजा फहराई और कन्याओं को चुनरी प्रदान कर केले की प्रसादी का वितरण किया। नवरात्रि के दूसरे दिन मंदिर परिसर में धर्म ध्वजा फहराई के अलावा अखंड ज्योत प्रज्जवलित की गई। इस मौके पर मंदिर के प्रबंधक गोविन्द मेवाड़ा, रोहित मेवाड़ा, राहुल सिंह, जितेन्द्र तिवारी, मनोज दीक्षित मामा, पंडित उमेश दुबे, पंडित गणेश शर्मा, सुनिल चौकसे, सुभाष कुशवाहा, सुमित भानू उपाध्याय, रामू सोनी सहित अन्य के द्वारा किया गया। यहां पर सुबह हवन-पूजन के अलावा नौ दिन मां का अलग-अलग स्वरूपों में सुंदर श्रृंगार किया जाएगा। इसके अलावा परम्परा अनुसार इस वर्ष भी महाष्टमी की रात्रि बारह बजे निशा आरती और उसके पश्चात भव्य भंडारे का आयोजन किया जाएगा। नवरात्रि के पर्व का समापन रात्रि बारह बजे महानिशा आरती का आयोजन किया जाएगा और भंडारे का आयोजन किया जाता है। शनिवार को कन्याओं को हलवे की प्रसादी वितरण की जाएगी। जिला संस्कार मंच के मनोज दीक्षित मामा ने बताया कि मानव की सुख-समृद्धि के लिए नौ दिन नवरात्रि, वरदान स्वरूप हैं, इन नौ दिनों में शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चन्द्रघण्टा, कूष्माण्डा, स्कन्दमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी, सिद्धिदात्री, भगवती के नौ रूपों की पूजा का विधान है जिसके द्वारा भक्त अपने तन, मन और धन को देवी शक्ति को समर्पित कर चाहेंगे, नवरात्रि का त्योहार नौ दिन तक चलता है, इन नौ दिनों में नौ स्वरूपों की पूजा की जाती है। गुरुवार की सुबह देवी माता का आह्वान के साथ ही नवग्रह, कलश स्थापना के अलावा साढ़े सात बजे हवन पूजन का आरंभ किया गया। इसके पश्चात साढ़े आठ बजे आरती की गई और नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा अर्चना की। दूसरे दिन ब्रह्मचारिणी की पूजा अर्चना की गई इसके पश्चात यहां पर कन्याओं के लिए केले की प्रसादी का वितरण किया गया।
मां ब्रह्मचारिणी की पूजा
पंडित श्री शर्मा ने बताया कि नवरात्रि के दूसरे दिन, देवी दुर्गा के दूसरे स्वरूप, मां ब्रह्मचारिणी की पूजा होती है। इस दिन उनकी पूजा करने से आपके जीवन की सारी परेशानियां दूर होती हैं। मां ब्रह्मचारिणी को ज्ञान, तपस्या और वैराग्य की देवी माना जाता है। ब्रह्म का अर्थ है तपस्या और चारिणी का अर्थ है आचरण करने वाली। कठोर तपस्या और ब्रह्मचर्य का पालन करने वाली मां ब्रह्मचारिणी को शत शत नमन है। मान्यता है कि नवरात्रि के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा करने से जीवन में अच्छे गुण आते हैं। साथ ही आपके अंदर त्याग, सदाचार और संयम की भावना बढ़ती है। ऐसी मान्यता है कि मां ब्रह्मचारिणी की पूजा करने से भक्तों को जीवन में आने वाली सभी बाधाओं और कठिनाइयों से मुक्ति मिलती है। यह तप, त्याग, संयम और सदाचार जैसे गुणों को भी बढ़ावा देती है, जो आध्यात्मिक उन्नति के लिए आवश्यक माने जाते हैं।
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