- सीबीआई निदेशक श्री प्रवीण सूद ने युवा अधिकारियों से संगठनात्मक हितों को सर्वोपरि रखते हुए लगन से कार्य करने का आह्वान किया
सीबीआई निदेशक ने आगे इस बात पर जोर दिया कि सीबीआई अच्छे कार्य की सराहना के लिए अंदरूनी स्टार्ट पर अपार अवसर प्रदान करती है और उन्हें सलाह दी कि वे सोशल मीडिया जैसे बाहरी मंचों के माध्यम से प्रशंसा की तलाश न करें। उन्होंने अधिकारियों से सीबीआई के आदर्श वाक्य उद्यमिता, निष्पक्षता एवं सत्यनिष्ठा से हर समय प्रेरणा लेने को कहा। सीबीआई के अपने डीएनए में सत्यनिष्ठा एवं निष्पक्षता पर बात करते हुए श्री सूद ने जोर देकर कहा कि अधिकारियों को बाहरी प्रभावों से बचना चाहिए। उन्होंने कहा कि अधिकारियों एवं उनके परिवारों को भारत में कहीं भी सेवा देने हेतु तैयार रहना चाहिए। स्मार्ट वर्क का आह्वान करते हुए, सीबीआई निदेशक ने रेखांकित किया कि कड़ी मेहनत का मतलब है, कम से कम प्रयासों के साथ वांछित परिणाम प्राप्त करने हेतु कौशल का उत्पादक रूप से उपयोग करना। उन्होंने अधिकारियों को अपने परिवारों की अनदेखी किए बिना एक स्वस्थ कार्य-जीवन संतुलन बनाए रखने की सलाह दी। समारोह के दौरान, निदेशक सीबीआई, श्री प्रवीण सूद ने प्रशिक्षुओं को पदक एवं ट्रॉफी वितरित की। श्री श्रीवत्सन वी को "सर्वश्रेष्ठ ऑल-राउंड एसआई प्रशिक्षु हेतु डीपी कोहली पुरस्कार" एवं "इनडोर अध्ययन हेतु डीसीबीआई ट्रॉफी" से सम्मानित किया गया। सुश्री राज किरण को "साइबर अपराध जांच हेतु ट्रॉफी" से सम्मानित किया गया। श्री विमल सिंह अधिकारी को "सर्वश्रेष्ठ आउटडोर हेतु जॉन लोबो ट्रॉफी" के लिए चुना गया और सुश्री मेघा पाराशर को "समर्पण एवं अनुकरणीय आचरण हेतु सीबीआई अकादमी ट्रॉफी" प्रदान किया गया।
युवा सीबीआई अधिकारियों ने 8 महीने का कठिन, परिश्रमी एवं कर्मठतापूर्वक प्रशिक्षण लिया, जो एसएससी (संयुक्त स्नातक स्तरीय परीक्षा) तथा एलडीसीई के माध्यम से चुने जाने के पश्चात 12 फरवरी, 2024 को अपने बुनियादी प्रशिक्षण हेतु सीबीआई अकादमी, गाजियाबाद से जुड़े थे। कैडेटों को कानून एवं जांच कौशल, भ्रष्टाचार विरोधी मामलों की जांच, विभिन्न प्रकार के पारंपरिक अपराधों, खुफिया जानकारी एकत्र करने, आर्थिक अपराध, साइबर अपराध मामले, बैंक धोखाधड़ी के मामले, मोबाइल फोरेंसिक, फोरेंसिक व वैज्ञानिक उपकरण आदि में प्रशिक्षित किया गया। प्रशिक्षण कार्यक्रम में भौतिक एवं इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्यों के संग्रह, पॉलीग्राफ, ब्रेन मैपिंग, नार्को-विश्लेषण, डीएनए फिंगरप्रिंटिंग आदि जैसे जांच के लिए वैज्ञानिक सहायता में कौशल को मजबूत करना भी शामिल था। पाठ्यक्रम का उद्देश्य प्रशिक्षुओं में पेशेवर सत्यनिष्ठा एवं न्याय, मानवाधिकारों के प्रति सम्मान व अनुशासन की भावना के उच्चतम मानकों को विकसित करना भी था। प्रशिक्षु अधिकारियों को जिला पुलिस इकाइयों (शहरी एवं ग्रामीण) के माध्यम से जमीनी स्तर का अनुभव दिया गया एवं एनएफएसयू, आईबी, सेबी, एसएफआईओ तथा राष्ट्रीयकृत बैंक का भ्रमण कराया गया एवं उन्हें विधि अधिकारियों के साथ भी संबद्ध किया गया। समारोह में सीबीआई के वरिष्ठ अधिकारियों में श्रीमती संपत मीना, अपर निदेशक; श्री मनोज शशिधर, अपर निदेशक; श्री एन वेणुगोपाल, अपर निदेशक; श्री एवाईवी कृष्णा, अपर निदेशक, डॉ. पद्मिनी सिंह, अभियोजन निदेशक सहित अन्य विभागों एवं स्थानीय प्रशासन के अधिकारियों ने हिस्सा लिया।
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