बिहार : अब एंग्लो-इंडियन समुदाय के प्रतिनिधि का मनोनयन नहीं होगा - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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गुरुवार, 17 अक्टूबर 2024

बिहार : अब एंग्लो-इंडियन समुदाय के प्रतिनिधि का मनोनयन नहीं होगा

  • झारखंड में विधानसभा में एंग्लो-इंडियन समुदाय के जोसेफ गालस्टेन प्रतिनिधि थे, उनके निधन के पुत्र ग्लेन जोसेफ गालस्टेन प्रतिनिधि बने थे

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पटना (रजनीश के झा). झारखंड में विधानसभा चुनाव का बिगुल बज गया है. चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने दो चरणों में चुनाव कराने का ऐलान कर दिया है. मंगलवार को चुनाव आयुक्त ने कहा कि झारखंड में 13 और 20 नवंबर को वोटिंग होगी. सभी 81 सीटों पर मतदान के बाद 23 नवंबर को मतगणना होगी. इसी दिन तय हो जाएगा कि झारखंड का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा. इस बार होने वाले  मुख्यमंत्री एंग्लो-इंडियन समुदाय के प्रतिनिधि को मनोनीत नहीं कर पाएंगे. मुख्यमंत्री शिबू सोरेन ने आखिरी बार एंग्लो-इंडियन समुदाय के प्रतिनिधि को मनोनीत किया था.उन्होंने ग्लेन जोसेफ गालस्टेन को मनोनीत किया था.जो इतिहास बन गया.

      

बता दें कि मैकलुस्कीगंज भारत के झारखण्ड राज्य का एक छोटा पहाड़ी शहर है, जो राजधानी रांची के उत्तर-पश्चिम में लगभग 40 किलोमीटर की दूरी पर अवस्थित है. इस शहर में किसी समय में एक महत्वपूर्ण एंग्लो-इंडियन समुदाय हुआ करता था, लेकिन अब इसका काफी पतन हो चुका है. यहां पर आल्फ्रेड जौर्ज डी रोजारियों के द्वारा डॉन बॉस्को स्कूल संचालित हैं.बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव ने बिहार विधानसभा में एंग्लो-इंडियन समुदाय के प्रतिनिधि के रूप में आल्फ्रेड जौर्ज डी रोजारियों को मनोनीत किया था. बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव के सत्ता से बाहर होने पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बने.उन्होंने जोसेफ गालस्टेन को एंग्लो-इंडियन समुदाय के प्रतिनिधि के मनोनीत किया. इस बीच बिहार का विभाजन 15 नवंबर 2000 होने पर सीमांकन होने पर मैकलुस्कीगंज झारखंड में पड़ गया.स्वत:जोसेफ गालस्टेन झारखंड राज्य के एंग्लो- इंडियन समुदाय के प्रतिनिधि बन गए.उसके बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार में एंग्लो- इंडियन समुदाय के प्रतिनिधि मनोनीत करना बंद कर दिए.

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