वाराणसी : कारपेट इंडस्ट्री को मिले कृषि उद्योग का दर्जा : वीरेन्द्र सिंह मस्त - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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बुधवार, 16 अक्तूबर 2024

वाराणसी : कारपेट इंडस्ट्री को मिले कृषि उद्योग का दर्जा : वीरेन्द्र सिंह मस्त

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भदोही/वाराणसी (सुरेश गांधी)। कालीन निर्यात संवर्धन परिषद द्वारा कारपेट एक्सपो मार्ट, भदोही में बुधवार को बड़ी संख्या में विदेशी खरीदारों ने शिरकत की है। बायरों की बढ़ती रुचि इंडिया कार्पेट एक्सपो के 47वें संस्करण को दुनिया भर में ख्याति मिल रही हैं। एक्सपो के दुसरे दिन तक 209 विदेशी खरीदारों और 231 विदेशी खरीददारों के  प्रतिनिधियों ने विभिन्न स्टॉलों पूछपरख की हैं। मेले में पहुंचे विदेशी खरीदारों में मुख्य रूप से ऑस्ट्रेलिया, जर्मनी बेल्जियम, ब्राज़ील, बुल्गारिया, कनाडा, इजिप्ट, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान, कज़ाकिस्तान, स्विट्जर्लैंड, ताइवान, टर्की, युएसए जैसे देश शामिल है।


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दोपहर बाद मेले में पहुंचे पूर्व सांसद श्री वीरेन्द्र सिंह मस्त ने विभिन्न स्टॉलों का अवलोकन किया। उन्होंने कहा कि कालीन उद्योग केवल उद्योग ही नहीं है बल्कि यह एक जीवन धारा है। इसमे कार्य करने वाले बुनकर मुख्यतः किसान है। इसमे उपयोग होने वाला कच्चा माल भी कृषि उत्पाद है, इसलिए  कालीन व्यसाय को उद्योग की श्रेणी में ना रखते हुए कृषि उद्योग की मान्यता प्रदान की जानी चाहिए। इसके अंतर्गत मिलने वाले समस्त लाभ कालीन उद्योग को प्राप्त होने चाहिए। इसके लिए वे केंद्र और राज्य सरकार के स्तर पर हर संभव सहायता के लिए उद्यमियों के साथ है। इस दौरान वाणिज्य मंत्रालय, भारत सरकार के आर्थिक सलाहकार श्रीमती रेनुलता नारायणन ने भी मेले का दौरा किया। उन्होंने मेले की व्यवस्था तथा रंग विरंगी आकर्षक कालीनो की सराहना करते हुए कहा कि इस कालीन मेले से कालीन  उद्योग को एक नई उडान मिलेगी। यूपी के श्रम एवं सेवायोजन, समन्वय विभाग के कैबिनेट मंत्री अनिल राजभर ने भी मेले का दौरा किया। उन्होंने कहा, कालीन मेले के आयोजन से कालीन उद्योग को एक नई दिशा मिलेगी। इसके लिए उन्होंने समस्त निर्यातको एवं अयाताको को शुभकामनाएं भी दी। वाराणसी विकास प्राधिकरण, वाराणसी सदस्य अम्बरीश सिंह भोला ने भी मेले का दौरा किया। उन्होंने कहा, वे मुख्यमंत्री से कारपेट इंडस्ट्री के विकास के लिए हर संभव सहायता की मांग करेंगे। सीईपीसी अध्यक्ष कुलदीप राज वट्टल एवं प्रशासनिक समिति के सदस्यों ने बताया कि भाग लेने वाले सदस्यों से प्राप्त प्रतिक्रिया के अनुसार भागीदार तथा एक्सपो में आने वाले विदेशी खरीददारों  के साथ उनकी बातचीत के अनुसार खरीदार बहुत खुश थे और अंतरराष्ट्रीय स्तर का ऐसा मंच प्रदान करने के लिए उन्हें धन्यवाद दिया।


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सीईपीसी अध्यक्ष कुलदीप राज वट्टल ने कहा यह एक्सपो भारत सरकार के तत्वावधान में आयोजित किया जाता है, जिसका उद्देश्य अत्यधिक श्रम प्रधान भारतीय हस्तनिर्मित कालीन उद्योग पर ध्यान केंद्रित करना और ग्रामीण क्षेत्रों से जुड़े लगभग 20 लाख श्रमिकों कारीगरों विशेषकर महिलाओं को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार प्रदान करना है। 265 प्रदर्शकों की भागीदारी के साथ, इंडिया कारपेट एक्सपो एशिया में सबसे बड़े हस्तनिर्मित कालीन मेलों में से एक है, जिसमें खरीदारों के लिए एक छत के नीचे सबसे अच्छे हस्तनिर्मित कालीन, गलीचे और अन्य फर्श कवरिंग के लिए एक अनूठा मंच मिलता है। सीईपीसी अध्यक्ष कुलदीप राज वट्टल तथा प्रशासनिक समिति सदस्य अनिल कुमार सिंह, सूर्यमणि तिवारी, वासिफ अंसारी, असलम महबूब, इम्तियाज अहमद, रोहित गुप्ता, पियूष बरनवाल, हुसैन जफ़र हुसैनी, संजय गुप्ता, रवि पटोदिया, शेख आशिक अहमद, महावीर प्रताप शर्मा, बोधराज मल्होत्रा, दीपक खन्ना, मेहराज यासीन, मुकेश क्लुमार गोम्बर, शौकत खान तथा जगमोहन अधिशासी निदेशक सचिव, सीईपीसी सहित अन्य लोगों ने मेले की सफलता खुशी जाहिर की है। अन्तराष्ट्रीय कालीन मेले के सफल आयोजन में कमिश्नर मुथुकुमार स्वामी बी, डीआईजी राकेश प्रकाश सिंह, एडीजी रामकुमार, जिलाधिकारी भदोही विशाल सिंह, पुलिस अधीक्षक डॉ मीनाक्षी कत्यानन, एडीएम कुवर बिरेन्द्र मौर्या, अपर पुलिस अधीक्षक तेजवीर सिंह तथा समस्त प्रसाशनिक अधिकारिओ ने मेले की सुरक्षा व्यवस्था में अपना भरपूर सहयोग दे रहे हैफ। अध्यक्ष कुलदीप राज वट्टल ने कहा कि मेले की सफलता उसमे आने वाले विदेशी आयातकों व् उनके प्रतिनिधिओ द्वारा प्रतिभागी निर्यातको के साथ हुए व्यापार पर निर्भर करती है। अब तक प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रतिभागी निर्यातक मेले की दो दिनों के व्यापार से काफी खुश है।  

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