सीहोर : लाल और पीले गेंदे के फूल से किया मां का विशेष श्रृंगार - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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शनिवार, 5 अक्तूबर 2024

सीहोर : लाल और पीले गेंदे के फूल से किया मां का विशेष श्रृंगार

  • आज कराया जाएगा कन्या भोज और हवन पूजन

Marih-mata-sehore
सीहोर। हर साल की तरह इस साल भी शहर के विश्रामघाट मां चौसट योगिनी मरीह माता मंदिर में आस्था के साथ शारदीय नवरात्रि का पर्व मनाया जा रहा है। इस मौके पर नवरात्रि के तीसरे दिन शनिवार को लाल और पीले गेंदे के फूलों से मां का विशेष श्रृंगार किया गया। इस मौके पर मंदिर के व्यवस्थापक गोविन्द मेवाड़ा, रोहित मेवाड़ा, मनोज दीक्षित मामा, ज्योतिषाचार्य पंडित गणेश शर्मा, पंडित उमेश दुबे आदि शामिल थे। रविवार को कन्या भोज का आयोजन किया जाएगा। इसके अलावा १० अक्टूबर गुरुवार को रात्रि बारह बजे महानिशा आरती और ११ अक्टूबर शुक्रवार को भव्य भंडारे का आयोजन किया जाएगा।


जिला संस्कार मंच के संयोजक मनोज दीक्षित मामा ने बताया कि नवरात्रि के तीसरे दिन मां चंद्रघण्टा की पूजा की जाती है। देवी भागवत पुराण में बताया गया है कि मां का यह रूप बेहद सौम्य और शांत है, जो सुख-समृद्धि प्रदान करता है। इस दिन विधि-विधान से पूजा करने से आत्मविश्वास बढ़ता है, सुखों में वृद्धि होती है और सामाजिक प्रभाव भी बढ़ता है। लोग आपको सम्मान देना शुरू कर देते हैं। देवी भागवत पुराण में बताया गया है कि मां यह रूप बेहद सरल सौम्य, शांत और ममतामयी है। मां इस रूप में अपने भक्तों की सुख समृद्धि में वृद्धि करती हैं। मां चंद्रघण्टा की पूजा करने से आपके सुख और भौतिक सुखों में वृद्धि होती है और मां दुर्गा समाज में आपका प्रभाव बढ़ाती हैं। मां चंद्रघण्टा की पूजाविधि, भोग और पूजा मंत्र व आरती। नवरात्रि के तीसरे दिन मां चंद्रघण्टा की पूजा होती है। मां की पूजा से जीवन में सफलता मिलती है। मां के मस्तक पर घंटे के आकार का चंद्रमा है, इसलिए उन्हें चंद्रघण्टा कहते हैं। मां चंद्रघण्टा का रूप अलौकिक, तेजस्वी और ममतामयी माना जाता है। मां के इस रूप की पूजा करने से आपको जीवन के हर क्षेत्र में भरपूर कामयाबी प्राप्त होती है। मां की पूजा सूर्योदय से पहले करनी चाहिए। पूजा में लाल और पीले गेंदे के फूल चढ़ाने चाहिए। मां के मस्तक पर अर्द्धचंद्र के आकार का घंटा शोभायमान है, इसलिए देवी का नाम चंद्रघण्टा पड़ा। इनकी पूजा में शंख और घंटों के साथ पूजा करने से मां प्रसन्न होती हैं और कृपा बरसाती हैं।

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