सीहोर : गुरु पुष्य नक्षत्र में आधा दर्जन से अधिक पौधों का रोपण किया गया - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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गुरुवार, 24 अक्तूबर 2024

सीहोर : गुरु पुष्य नक्षत्र में आधा दर्जन से अधिक पौधों का रोपण किया गया

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सीहोर। विठलेश सेवा समिति, श्री लक्ष्मी-नरसिंह ज्योतिष अनुष्ठान केन्द्र और जिला संस्कार मंच के तत्वाधान में लंबे समय से शहर सहित आस-पास के स्थानों पर पौधा रोपण किया जा रहा है। गुरु पुष्य नक्षत्र के अवसर पर शहर के सोया चौपाल स्थित श्री राधेश्याम कालोनी, जीवन वाटिका, गुडभेला नापली और भटोनी आदि स्थानों पर समिति के पंडित विनय मिश्रा, समीर शुक्ला, जितेन्द्र तिवारी, केन्द्र की ओर से पंडित कुणाल, मंच के संयोजक मनोज दीक्षित मामा, मजदूर संघ के अध्यक्ष राजकुमार पुरविया, समाजसेवी धर्मेन्द्र माहेश्वरी, राहुल शाक्य टाइल्स मेकर आदि के द्वारा पीपल, आम सहित अन्य पौधों का रोपण किया। इस मौके पर विठलेश सेवा समिति की ओर से पंडित विनय मिश्रा ने कहा कि आदरणीय गुरुदेव पंडित प्रदीप मिश्रा के आह्वान पर साल भर पूरे देश में पौधा रोपण की परम्परा की जा रही है। वहीं जिला संस्कार मंच के उपाध्यक्ष धर्मेन्द्र माहेश्वरी ने कहा कि पर्यावरण को शुद्ध रखने के लिए पेड़-पौधे जरूरी हैं। ये हमें जीवन के लिए आक्सीजन, खाने के लिए फल और गर्मी में छांव देते हैं। धरा को हरा-भरा करने एवं जीवन को बचाने के लिए सबको पौधारोपण का संकल्प लेने की जरूरत है। पौधरोपण सबकी जिम्मेदारी है। हम सबको अधिक से अधिक पौधे लगाने चाहिए। पर्यावरण स्वच्छ है तभी जीवन स्वस्थ्य है। पौधे जब बड़े होते हैं तो यह हमें फल, फूल व छाया सहित जीवन जीने के लिए आक्सीजन देते हैं। हमारे मजदूर संघ के अध्यक्ष राजकुमार के नेतृत्व में सप्ताह में एक दिन पौधा रोपण किया जाता है।


गुरु पुष्य नक्षत्र में पूजा का विधान

श्री दीक्षित ने बताया कि अधिक जगह पर पीपल के वृक्ष की पूजा का विधान बताया गया है। पुष्य में बृहस्पति का व्रत और पूजन किया जाता है। पीपल के पेड़ को पुष्य नक्षत्र का प्रतीक माना जाता है इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले लोग अपने घर के खाली हिस्से में पीपल का वृक्ष लगाकर उसकी पूजा करते हैं जिससे उनके जीवन में हमेशा सुख, शांति और समृद्धि बनी रहती है।

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