- राजधानी पटना में जीपीओ गोलबंर से बुद्ध स्मृति पार्क तक निकला मार्च
- आरएसएस-भाजपा भारत को इजरायल के पक्ष में खड़ा करने की कर रहे नापाक कोशिश
कार्यक्रम में इन नेताओं के अलावा छात्र-युवा संगठनों, इंसाफ मंच के बैनर तले इंसाफ पसंद नागरिकों आदि का भी जुटान हुआ. शिक्षाविद् गालिब, डॉ. अलीम अख्तर, एडवोकेट जावेद, शगुफ्ता रसीद, पुष्पेन्द्र, इंजीनियर सुनील सहित माले के शिवसागर शर्मा, उमेश सिंह, राजेन्द्र पटेल, मनमोहन कुमार, जितेन्द्र कुमार, शंभूनाथ मेहता, संजय यादव, पुनीत कुमार, विनय कुमार, आइसा के कुमार दिव्यम व नीरज यादव, ऐपवा की राखी मेहता; सीपीआई के देवरतन प्रसाद, भोला पासवान, डीपी यादव, हरदेव ठाकुर, अनीश अंकुर, गुलाम सरवर आजाद, जमालुद्दीन, रवीन्द्र नाथ राय आदि उपस्थित थे. वक्ताओं ने कहा कि साल भर से गाजा में जनसंहार चल रहा है और अब लेबनान को दूसरा गाजा बनाने की साजिश हो रही है. इसके खिलाफ न्याय की आवाज बुलंद करने के लिए हमसब एकत्रित हुए हैं. पूरे देश में आज वाम दलों के कार्यकर्ता इस जुल्म का विरोध कर रहे हैं. यह जो आवाज गूंज रही है, यह फिलिस्तीनियों के हक की आवाज है. गाजा में पिछले एक साल से जो कुछ हो रहा है उसे इंटरनेशल कोर्ट ने जनसंहार माना. इसके बावजूद वहां जनसंहार जारी है. 28 लाख की आबादी वाले गाजा में अनुमानतः 2 लाख लोग मार दिए गए हैं. इससे बड़ा जुल्म क्या हो सकता है? इजरायल, अमेरिका व पश्चिमी दुनिया के देश जनसंहार पर आमदा हैं. दुनिया को एक और भयावह युद्ध की ओर ढकेलने का प्रयास किया जा रहा है.
यह भी कहा कि पूरी दुनिया को अपने-अपने देश की सरकारों पर दबाव बनाना होगा ताकि अमन की आवाज बुलंद हो सके. मोदी सरकार की केवल विदेश नीति ही गलत रास्ते पर नहीं चल रही है बल्कि इसके पीछे अडानी द्वारा वहां हथियारों की सप्लाई है. अडानी के हाथ फिलिस्तीनियों के खून से रंगे हुए हैं. अपने देश में साम्राज्यवाद परस्ती की रास्ते चलने वाली इन ताकतों के खिलाफ उठ खड़ा होना होगा. हमें 7 अक्टूबर 2023 को हमास द्वारा की गई कार्रवाई की आड़ में गाजा में हो रहे जनसंहार को जनता के बीच लेकर जाना है. आरएसएस-भाजपा का प्रचार तंत्र देश में फिलिस्तीन विरोधी और इजरायल के पक्ष में माहौल बनाने की कोशिश कर रही है. इसे हम तोड़ देना होगा. आज भारत में फिलिस्तीन के पक्ष में खड़े होने वाले लोगों को जेलों में डाल दिया जा रहा है, उन्हें प्रताड़ित किया जा रहा है. इसका हमें मजबूत विरोध करना होगा. फिलिस्तीन की आजादी की पक्ष में जो आवाज उठ रही है वही आवाज हिंदुस्तान में जम्हूरियत की आवाज है. यह आवाज जितनी मजबूत होगी हमारी लड़ाई भी उतनी ही मजबूत होगी. वाम नेताओं ने पूरे देश में अमेरिकी-इजरायल गठजोड़ और भारत सरकार की मिलीभगत के खिलाफ न्याय की आवाज को बुलंद करने का आह्वान किया.
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