कविता : मेरी ज़िंदगी - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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रविवार, 24 नवंबर 2024

कविता : मेरी ज़िंदगी

बेखौफ सी लगती है मेरी ज़िंदगी,

क्या कहूँ, इस ज़िंदगी को,

कभी ख़ुशी है, कभी गम है,

कभी दुख है तो कभी यादें हैं,

बेखौफ है मेरी जिंदगी,

बेखौफ रहनी चाहिए,

खुशहाल है मेरी ज़िंदगी,

खूबसूरत रहनी चाहिए,

इस ज़िंदगी पर नहीं किसी की हुकूमत,

पाबंदी से है बेखौफ मेरी ज़िंदगी॥




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प्रिया बिष्ट

सुराग, उत्तराखंड

चरखा फीचर्स

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