- जिलाधिकारी के निर्देश के आलोक में बाल श्रमिकों की विमुक्ति को लेकर धावा दल ने जयनगर बाज़ार के विभिन्न दुकानों एवं प्रतिष्ठानों में चलाया सघन जांच अभियान।
इसके अतिरिक्त माननीय सर्वोच्च न्यायालय के द्वारा एम सी मेहता बनाम तमिलनाडु सरकार 1996 में दिए गए आदेश के आलोक में नियोजकों से ₹20000 प्रति बाल श्रमिक की दर से अलग से राशि की वसूली की जाएगी जो जिलाधिकारी के पदनाम से संधारित जिला बाल श्रमिक पुनर्वास सह कल्याण कोष में जमा किया जाएगा । इस राशि को जमा नहीं कराने वाले नियोजक के विरुद्ध एक सर्टिफिकेट केस या नीलाम पत्र वाद अलग से दायर किया जाएगा । आज की इस धावा दल टीम के रूप में अश्विनी कुमार श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी जयनगर, हितेश कुमार भार्गव, श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी खजौली, अभिषेक कुमार, श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी पंडौल, हरी प्रसाद सर्वो प्रयास संस्था के प्रतिनिधि, ग्राम विकास युवा ट्रस्ट के प्रतिनिधि जितेंद्र कुमार जयनगर थाना की पुलिस टीम शामिल थे । धावा दल की टीम के द्वारा आज जयनगर अनुमंडल में सभी दुकान एवं प्रतिष्ठान में सघन जांच की गई तथा सभी नियोजको से किसी भी बाल श्रमिक को नियोजित नहीं करने हेतु एक शपथ पत्र भरवाया गया। श्रम अधीक्षक आशुतोष झा के द्वारा बताया गया कि धावा दल नियमित रूप से प्रत्येक सप्ताह संचालित होगा तथा मधुबनी शहर के अलावा सभी अनुमंडल मुख्यालय एवं प्रखंड मुख्यालयों में भी धावा दल संचालित किया जाएगा तथा बाल श्रमिकों को नियोजित करने वाले नियोजकों के विरूद्ध कठोर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
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