- भागवत कथा में जीवन का सार तत्व मौजूद : कथा व्यास पंडित राघवेन्द्राचार्य महाराज
उन्होंने श्रीकृष्ण जन्म से पहले सूर्यवंश के राजाओं का वर्णन सुनाया। राजा अमरीश, राजा मांधाता, राजा हरिशचंद्र, महाराज सगर, राजा असमंजस, राजा अंशुमान, राजा दलीप, राजा भागीरथ जो गंगा को लाया। गंगा अवतरण के प्रसंग में बताया कि गंगा ने राजा सगर के पुत्रों का उद्धार किया। राजा दलीप के नंदनी गाय की कृप्या से राजा रघु इनका पुत्र अज के राजा दशरथ और महाराजा दशरथ के राम, लक्ष्मण, भरत, शत्रुघन का जन्म हुआ। बाद में रामचरित्र का वर्णन सुनाया। इन्हीं के साथ भगवान परशुराम का वर्णन सुनाया जिन्होंने पूरी पृथ्वी जीत कर वापस क्षत्रियों को राज सौंप दिया। कृष्ण जन्म पर कथा व्यास पंडित राघवेन्द्राचार्य महाराज ने बताया कि वसुदेव की पत्नी देवकी के यहां कंस की कारागार में श्रीकृष्ण अवतार हुए जो प्रभु सारे संसार का आधार है। वासुदेव ने देखा एक अद्भुत बालक पैदा हुआ भगवान अनुभव से ही समझ में आते हैं। भगवान आत्मारूप में बुद्धियों को दृष्टा और प्रेरक है। श्रीकृष्ण ने अपना दिव्य रूप दिखाया तथा तुरंत शिशु रूप हो गए। अंधेरी रात्रि को यमुना से निकल कर वासुदेव के द्वारा श्रीकृष्ण को गोकुल में नंद के के यहां पहुंचाया। इस संबंध में जानकारी देते हुए पंडित जितेन्द्र चतुर्वेदी ने बताया कि समस्त गोंदन सरकार भक्त मंडल के तत्वाधान में संगीतमय श्रीमद भागवत कथा का आयोजन किया जा रहा है। दोपहर एक बजे से शाम चार बजे तक कथा का श्रवण किया जाता है। कथा के विश्राम पर यजमान अशोक गोयल और श्रीमती मधु गोयल आदि ने आरती की।
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