सीहोर : कथा के पहले दिन भव्य रूप से निकाली कलश यात्रा - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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सोमवार, 25 नवंबर 2024

सीहोर : कथा के पहले दिन भव्य रूप से निकाली कलश यात्रा

  • भागवत कथा हृदय को जागृत कर मुक्ति का मार्ग दिखाता : कथा व्यास पंडित राघवेंद्राचार्य महाराज

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सीहोर। शहर के चाणक्यपुरी स्थित श्री गोंदन सरकार धाम में श्री गोंदन सरकार हनुमान महाराज की असीम अनुकंपा एवं दिव्य संरक्षण द्वारा बह्मलीन अनंत श्री पंडित महावीर शरण चतुर्वेदी दद्दा की पावन पुण्य स्मृति प्रतिवर्षानुसार संगीतमय श्रीमद भागवत कथा का आयोजन किया जा रहा है। सोमवार को कथा के पहले दिन भव्य रूप से कलश यात्रा के साथ श्रीमद् भागवत कथा का शुभारंभ किया गया। कथा व्यास पंडित राघवेंद्राचार्य महाराज अयोध्याधाम ने भागवत कथा का महत्व बताते हुए कहा कि मृत्यु को जानने से मृत्यु का भय मन से मिट जाता है, जिस प्रकार परीक्षित ने भागवत कथा का श्रवण कर अभय को प्राप्त किया, वैसे ही भागवत जीव को अभय बना देती है। श्रीमद्भागवत कथा परमात्मा का अक्षर स्वरूप है। यह परमहंसों की संहिता है, भागवत कथा हृदय को जागृत कर मुक्ति का मार्ग दिखाता है। अगहन मास में इसके श्रवण का महत्व है। भागवत कथा भगवान के प्रति अनुराग उत्पन्न करती है। यह ग्रंथ वेद, उपनिषद का सार रूपी फल है। यह कथा रूपी अमृत देवताओं को भी दुर्लभ है।


इस संबंध में जानकारी देते हुए पंडित जितेन्द्र चतुर्वेदी ने बताया कि संगीतमय  सात दिवसीय भागवत कथा का आयोजन समस्त गोंदन सरकार भक्त मंडल के तत्वाधान में किया जा रहा है। सोमवार को कथा का शुभारंभ कलश यात्रा के साथ किया गया है। कथा दोपहर एक बजे से आरंभ की जाती है। कथा व्यास पंडित राघवेंद्राचार्य महाराज ने कहा कि  श्रीमद्भागवत कथा एक अमर कथा है। इसे सुनने से पापी भी पाप मुक्त हो जाते हैं। उन्होंने कहा कि वेदों का सार युगों-युगों से मानव जाति तक पहुंचाता रहा है। भागवत उसी सनातन ज्ञान की पयस्विनी है, जो वेदों से प्रवाहित होती चली आई है। इसलिए भागवत महापुराण को वेदों का सार कहा गया है। उन्होंने श्रीमद्भागवत का बखान किया। कहा कि सबसे पहले सुखदेव मुनि ने राजा परीक्षित को भागवत कथा सुनाई थी, उन्हें सात दिनों के अंदर तक्षक के दंश से मृत्यु का श्राप मिला था। श्रीमद्भागवत कथा अमृत पान करने से संपूर्ण पापों का नाश होता है। कथा के यजमान अशोक गोयल एवं श्रीमती मधु गोयल आदि ने आरती की। 

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