- परिवार की हत्या करने के बाद आरोपी पति फरार था, बाद में 5 किमी दूर खेत में मिला शव, एक साल बाद दिवाली पर आया था घर
- गार्ड और अपने पिता की भी गोली मारकर हत्या कर चुका है आरोपी, तांत्रिक ने आरोपी को बताया था कि उसकी पत्नी उसके काम में बाधा बन रही है
पिता और गार्ड की हत्या का भी है आरोपी
पुलिस के अनुसार, 1997 में आरोपी राजेंद्र गुप्ता के खिलाफ पिता और गार्ड की हत्या के मामले में मुकदमा भी पंजीकृत था. इस घटना को भी अंजाम देने के बाद आरोपी पति मौके से फरार था. जबकि पुलिस द्वारा उसकी धर पकड़ के लिए टीम गठित की गई थी. इसके अलावा पुलिस द्वारा ज्योतिष सलाह विवाद, संपत्ति विवाद और अवैध संबंधों के पहलू के आधार पर भी जांच की जा रही थी. इसी दौरान सर्विलांस के जरिए पुलिस को उसका लोकेशन अखरी के पास मिला और जब वहां पुलिस पहुंची तो वो खेत में ढेर था। बताया जाता है कि पति राजेंद्र गुप्ता और पत्नी नीतू गुप्ता विवाद की वजह से अलग-अलग रहते थे. पुलिस के अनुसार, एक तांत्रिक ने राजेंद्र को बताया था कि आपकी पत्नी आपके काम में बाधा बन रही है। इसके चलते राजेंद्र दूसरी शादी के लिए भी पत्नी से आए दिन बातचीत करता था। राजेंद्र गुप्ता की मां वारदात के समय मौके पर थीं। हालांकि वृद्ध होने के कारण चल फिर नहीं पाती हैं।
तांत्रिक की तलाश में जुटी पुलिस
पुलिस का कहना है कि आरोपी जेल में सजा काटकर आया है। यह उसकी दूसरी पत्नी थी। पूछताछ के साथ ही भेलूपुर पुलिस आरोपी का और इतिहास खंगाल रही है। यह भी पता किया जा रहा है कि वह तांत्रिक कौन था जिससे राजेंद्र मिलता-जुलता था। पुलिस की शुरुआती जांच में पता चला है कि आरोपी तांत्रिक के चक्कर में पड़ गया था। तांत्रिक ने उसे बताया था कि पत्नी तरक्की में बाधा है। इस वजह से वह अक्सर पत्नी से झगड़ता रहता था। दूसरी शादी करने की बात करता था। इसी कारण आरोपी ने पूरे परिवार को खत्म कर दिया।
छुट्टी पर आया था बड़ा बेटा
जानकारी के मुताबिक, राजेंद्र गुप्ता का बड़ा बेटा नवनेंद्र बेंगलुरु में मल्टीनेशनल कंपनी में इंजीनियर था। दिवाली पर छुट्टी लेकर घर आया था। उनके यहां छठ मनाने की तैयारियां चल रही थीं। बेटे ने छठ के बाद ही ड्यूटी पर जाने के लिए वापसी के लिए टिकट कराया था। छोटा बेटा और बेटी क्च्ै में पढ़ते थे। रेनू वर्मा राजेंद्र के घर खाना बनाती हैं। पुलिस नौकरानी से पूछताछ कर रही है।
पुलिस हर पहलुओं की जांच करेगी : डीसीपी
पुलिस इस पूरी घटना के जड़ में पारिवारिक कलह को वजह बता रही है. हालांकि, सभी पहलुओं की जांच की जा रही है. राजेंद्र गुप्ता के पड़ोसियों और किराएदारों की माने तो राजेंद्र बहुत ही गुस्सैल प्रवृत्ति का व्यक्ति था. ज्यादा किसी से मतलब नहीं रखता था, लेकिन उसका परिवार मिलनसार परिवार था. पड़ोसियों ने यह भी बताया कि लगभग 20 साल पहले इसी राजेंद्र के ऊपर अपने पिता और चाचा की हत्या का भी आरोप लगा था और उसे जेल भी ह हुई थी, लेकिन वह जेल से छूटकर आ गया था. डीसीपी गौरव बंसवाल के मुताबिक क्राइम सीन से किसी तरह का साइन ऑफ स्ट्रगल नहीं मिला है. इसीलिए राजेंद्र गुप्ता पर शक जा रहा है कि वह घर में आया और सभी को मारकर फरार हो गया. पारिवारिक विवाद के अलावा प्रॉपर्टी के डिस्प्यूट का भी पता लगाया जा रहा है. मर्डर वेपन के रूप में पिस्तौल का इस्तेमाल हुआ है और फायरिंग करके सभी चार लोगों को मौत के घाट उतारा गया. फिलहाल वो जमानत पर बाहर आया था. राजेंद्र के वैध और अवैध पिस्तौल की भी जांच की जा रही है.
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