कविता : मत काटो पेड़ों को - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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रविवार, 24 नवंबर 2024

कविता : मत काटो पेड़ों को

मत काटो पेड़ों को,

उसमें भी तो जान है,

उसी से हमारा जीवन है,

उसी से है उम्मीदें सारी,

शुद्ध वातावरण और हवाएं,

देते हमें वो ये सदाएं,

पेड़ काटने का मतलब है,

अपनी ज़िंदगी को कम करना है,

प्रकृति की सुंदरता पेड़ ही बढ़ाते,

फिर भी क्यों लोग इसे काट देते,

पेड़ तो जीवन की शुरुआत है,

हरियाली और हमारी आस है,

पेड़ काटकर लकड़ी पाने की लालच से,

क्या कभी तुम जीत पाओगे?

क्या सोचते हो तुम?

पेड़ काट कर खुश रह पाओगे?




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तनुजा आर्य
कपकोट, उत्तराखंड
चरखा फीचर्स

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