नई दिल्ली, 25 नवम्बर (रजनीश के झा)। आज अखिल भारतीय मिथिला राज्य संघर्ष समिति और मिथिला वासी के तरफ से जंतर मंतर नई दिल्ली पर धरना प्रदर्शन किया गया. प्रदर्शन का नेतृत्व प्रोफेसर अमरेंद्र कुमार झा ने की जिसमें हजारों मैथिलों ने हिस्सा लिया .बाद में धरना की अध्यक्षता पं० रविन्द्र मिश्र और संचालन कवि विमलजी मिश्र ने की.दूरभाष पर सम्बोधित करते हुये राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉक्टर बैद्यनाथ चौधरी बैजू ने कहा कि सनातनी मिथिला को राज्य की मांग करते हुए 100 बरस से ऊपर हो गया.इस भौगोलिक क्षेत्र में बंगाल से बिहार, उड़ीसा और झारखंड राज्य बन गया. मिथिला क्षेत्र लगातार बिहार से अलग होने की बात कर रहा है । राष्ट्रीय प्रवक्ता एवं मीडिया प्रभारी ईंजीनीयर शिशिर कुमार झा ने कहा कि मैथिलों के लिए बिहारी शब्द मिथिला के नैतिक पहचान ,नैतिक मूल्य ,सभ्यता -संस्कृति, भाषा एवं विकास में बाधक है .बिहार में मैथिलों की पहचान लुप्त होती जा रही है। सरकारी उपेक्षा के कारण दरभंगा में उच्च न्यायालय की बेंच वर्षो से अधर में लटका हुआ है। प्रो० अमरेंद्र कुमार झा ने धमकी दी है कि यथाशीघ्र मिथिला राज्य का गठन नही किया गया तो बिहार से दिल्ली तक जोरदार आंदोलन किया जायेगा। अपने अध्यक्षीय भाषण मे पं० रविन्द्र मिश्र ने कहा कि मैथिली भाषा संवैधानिक होने के बाद भी राज्य और केन्द्र में उपेक्षित है।
मिथिला राज्य अभियानी श्री आर एन झा,श्री कौशल पाठक, पं० कृष्णानंद झा,पं० सदानंद ठाकुर, एडवोकेट प्रदीप झा,श्रीमति सबिता मिश्रा,भोला झा गुरूजी,पं यंत्रनाथ झा ,विनोद राज झा ने कहा कि मिथिला सरकारी उपेक्षा के कारण गति एवं दिशाहीन हो गया है.शिक्षा और स्वास्थ्य के स्तर में तीव्र पतन हो रहा है . 75 वर्षों में बेरोजगारी और पलायन में बेहताशा वृद्धि हुई है .सभी मिल, उद्योग- धंधे बंद हो गए हैं। प्रमुख मांगों में पृथक मिथिला राज्य, मैथिली भाषा का संरक्षण एवं संवर्धन, मिथिला के सर्वांगीण विकास के अलावा 35 सूत्री मांग है.जिसमें नेपाल में डैम बनाकर बाढ़ का स्थाई निदान , आईआईटी,आईआईएम, मैथिली में दूरदर्शन , पलायन और बेरोजगारी का रोकथाम, एवं आर्मी में मिथिला रेजिमेंट बनाना प्रमुख है. प्रमुख वक्ताओं में डा० प्रवीण झा, धीरज झा, हीरालाल प्रधान, दुर्गानंद झा, , पत्रकार संतोष झा ,मिहिर झा,साजन झा, ईंद्रमोहन झा, युवा नेता मिहिर कुमार झा,दिलीप कुमार सिंह थे .मदन कुमार झा एवं भगवंत झा के नेतृत्व में राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री एवं गृह मंत्री को ज्ञापन दिया गया .
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें