मुंबई : श्रेया ग्रुप ऑफ कंपनीज से ₹80 करोड़ की ठगी और ब्लैकमेलिंग का मामला दर्ज - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

गुरुवार, 28 नवंबर 2024

मुंबई : श्रेया ग्रुप ऑफ कंपनीज से ₹80 करोड़ की ठगी और ब्लैकमेलिंग का मामला दर्ज

Shreya-group-of-compniese
लखनऊ/मुंबई (अनिल बेदाग): श्रेया ग्रुप ऑफ कंपनीज से ₹80 करोड़ की ठगी और ब्लैकमेलिंग के मामले में नागी रेड्डी और उनके चार सहयोगियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। आरोपियों में मुस्कान गुलिस्तां, बिरेन्द्र दुबे, ए.के. तिवारी और ब्रजेश कुमार शामिल हैं। इस गिरोह पर योजनाबद्ध तरीके से वित्तीय धोखाधड़ी करने का आरोप है।


निजी खाते से की गई ठगी

जांच में खुलासा हुआ है कि यह पूरी रकम श्रेया ग्रुप ऑफ कंपनीज के चेयरमैन श्री हेमंत कुमार राय के निजी खाते से धोखाधड़ी करके ली गई। आरोपियों ने चेयरमैन की उदारता का फायदा उठाते हुए झूठी व्यक्तिगत समस्याएं बताकर उनसे पैसा उधार लिया। इन झूठे बहानों में घर निर्माण और अन्य जरूरतों का हवाला दिया गया। जब चेयरमैन ने अपनी रकम वापस मांगी, तो आरोपियों ने न केवल रकम लौटाने से इनकार कर दिया, बल्कि ब्लैकमेलिंग पर उतर आए। उन्होंने चेयरमैन को बदनाम करने की धमकी दी और यहां तक कि जबरदस्ती और अधिक पैसे मांगने लगे।


धोखाधड़ी और वित्तीय गड़बड़ी

लखनऊ के हजरतगंज थाने में दर्ज एफआईआर के अनुसार, आरोपियों ने कंपनी के फंड्स का दुरुपयोग किया और धोखाधड़ी से पैसे ट्रांसफर किए। इसके बाद, आरोपी कंपनी की संपत्ति को गबन कर फरार हो गए।


वसूली प्रयासों को कमजोर करने की कोशिश

घोटाले को और बढ़ाते हुए, नागी रेड्डी ने कथित तौर पर झूठे आरोपों के साथ एक फर्जी आवेदन दाखिल किया। उन्होंने कंपनी के एक वरिष्ठ नेता, पी. महेश्वर, को निशाना बनाया और रात के समय आंध्र प्रदेश के कुर्नूल में 3 टाउन पुलिस स्टेशन पर उन्हें जबरन हिरासत में रखा। यह कृत्य कंपनी के नेतृत्व को डराने और चोरी हुई रकम की वसूली में बाधा डालने के लिए किया गया।


श्रेया ग्रुप का रुख

श्रेया ग्रुप ने नागी रेड्डी और उनके सहयोगियों द्वारा लगाए गए सभी आरोपों को झूठा और निराधार बताया है।


कंपनी के प्रवक्ता ने कहा:

"नागी रेड्डी और उनके सहयोगियों ने कंपनी से ₹80 करोड़ की ठगी की है और अब झूठे आरोप लगाकर न्याय की प्रक्रिया में बाधा डालने की कोशिश कर रहे हैं। हम चोरी हुई रकम की वसूली और न्याय सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।"


पुलिस जांच जारी

लखनऊ पुलिस ने एफआईआर की पुष्टि करते हुए मामले की पूरी तरह से जांच शुरू कर दी है। आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धाराओं के तहत विश्वासघात, साजिश और वित्तीय धोखाधड़ी के आरोप लगाए गए हैं। पुलिस कुर्नूल पुलिस के साथ समन्वय कर आरोपियों का पता लगाने और सबूत जुटाने में जुटी हुई है।


न्याय की मांग

जांच के साथ-साथ श्रेया ग्रुप ऑफ कंपनीज ने अधिकारियों से मामले को तेजी से सुलझाने और आरोपियों को न्याय के कटघरे में लाने की अपील की है। ₹80 करोड़ और कंपनी की साख दांव पर लगी होने के कारण, सभी की नजरें अब लखनऊ पुलिस पर हैं कि वे इस हाई-प्रोफाइल मामले में कितनी तेजी और मजबूती से कार्रवाई करती है। यह मामला न केवल कंपनियों को धोखाधड़ी से बचाने की जरूरत को रेखांकित करता है, बल्कि यह भी दिखाता है कि ईमानदार नेतृत्व और जवाबदेही से कर्मचारियों के जीवन और उनके रोजगार को सुरक्षित रखना कितना महत्वपूर्ण है।

कोई टिप्पणी नहीं: