फिल्म के निर्माताओं रामचन्द्र कुशवाहा और अमित जैक का मानना है कि भारत में पौराणिक और रहस्यमयी कथाओं की बढ़ती लोकप्रियता को देखते हुए भस्मम् एक व्यापक दर्शक वर्ग को आकर्षित करने में सक्षम होगी। फिल्म भस्मम् को भारतीय 1500 सिनेमाघरों में रिलीज करने के साथ साथ ओवरसीज मार्केट में भी किया जाएगा। निर्माता इसे एक विशेष सिनेमाई अनुभव बनाने का वादा करते है। "भस्मम्" की रिलीज़ दिवाली 2025 में निर्धारित की गई है, जो भारतीय सिनेमा के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि इस त्योहार के समय दर्शकों की सिनेमाघरों में उपस्थिति सबसे अधिक होती है। LAZY PIXEL MOTION PICTURE की यह घोषणा और फिल्म निर्माण के प्रति उनकी प्रतिबद्धता यह साबित करती है कि यह कंपनी अपने अनूठे कंटेंट के जरिए वैश्विक स्तर पर पहचान बनाने के लिए पूरी तरह तैयार है। भस्मम् की शूटिंग काशी घाट (वाराणसी) और उत्तराखंड में की जाएगी। इन स्थानों की धार्मिक और सांस्कृतिक महत्ता को ध्यान में रखते हुए, फिल्म के दृश्य इन खूबसूरत और आध्यात्मिक जगहों पर फिल्माए जाएंगे। इस फिल्म के जरिए न केवल धार्मिक और सांस्कृतिक पहलुओं को उजागर किया जाएगा , बल्कि यह दर्शकों को अपनी जड़ों और परंपराओं के प्रति जागरूक करने का भी काम करेगी। काशी घाट और उत्तराखंड जैसी पवित्र जगहों पर फिल्माए गए दृश्य फिल्म की गहराई और महत्व को बढ़ाते हैं, और यह लोगों को आध्यात्मिक जागरूकता और सांस्कृतिक धरोहर की ओर आकर्षित करती है। इस फिल्म का संदेश दर्शकों को उनके जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए प्रेरित करेगी।
जी हां, "भस्मम्" के निर्माता इस फिल्म को बनाने के लिए बेहद उत्साहित और प्रेरित हैं। उनके लिए यह सिर्फ एक फिल्म नहीं, बल्कि एक गहरी भावना और उद्देश्य का हिस्सा है। निर्माता ने इस फिल्म को लेकर एक स्पष्ट दृष्टिकोण रखा है, जो न सिर्फ दर्शकों तक एक मजबूत आध्यात्मिक और सांस्कृतिक संदेश पहुंचाने की कोशिश करता है, बल्कि भारत की धार्मिक और ऐतिहासिक धरोहर को भी सम्मानित करती हैं। उद्देश्य इन स्थानों की साथ ही, इस फिल्म के निर्माता यह मानते हैं कि "भस्मम्" सिर्फ एक मनोरंजन का साधन नहीं, बल्कि एक बदलाव का जरिया हो सकती है। वह चाहते हैं कि यह फिल्म समाज को जागरूक करे, विशेष रूप से युवा पीढ़ी को अपनी संस्कृति और परंपराओं के प्रति संवेदनशील बनाए। निर्माता ने इस फिल्म को लेकर काफी मेहनत की है और उनका मानना है कि फिल्म के माध्यम से एक सकारात्मक संदेश लोगों तक पहुंचेगा, जो न सिर्फ उन्हें प्रेरित करेगा, बल्कि उनकी सोच और जीवनशैली में भी बदलाव ला सकता है।
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