- गंगा महोत्सव के पहले दिन हुआ भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रम की प्रस्तुति
मंत्री ने कहा कि गंगा के तट पर प्रतिवर्ष आयोजित होने वाला गंगा महोत्सव कार्यक्रम अब काशी ही नहीं बल्कि देश-दुनिया के लोगों का कार्यक्रम बन चुका है। लोग इस कार्यक्रम का इंतजार करते रहते हैं। उन्होंने कहा कि संगीत के सरगम का उद्गम यदि गंगा की लहरों से होना कहा जाए, तो अतिशयोक्ति नहीं होगी। गंगा की लहरों से ही वाद्य, नृत्य एवं नाट्य बना और सांस्कृतिक कलाकारों का वास भी गंगा के किनारे बना। गंगा की लहरें खुद ब खुद में संगीत है। उन्होंने मां गंगा का गुणगान करते हुए कहा कि यह कोई साधारण नदी नहीं, बल्कि मानव सभ्यता की जीवन रेखा है। अपने उद्गम स्थल से 2323 किमी की यात्रा तय कर गंगा नदी जहां-जहां से गुजरी, उनके किनारे ही लोग बसे और मानव सभ्यता का विकास हुआ। लोगों को रोजी-रोजगार भी मिला। काशी के गंगा घाटों की छटा पूरी दुनिया में विख्यात है। इससे पूर्व मंत्री रविंद्र जायसवाल, एमएलसी हंसराज विश्वकर्मा, मुख्य विकास अधिकारी हिमांशु नागपाल सहित अन्य लोगों ने विधिवत गंगा गंगा पूजन कर मां गंगा की आरती उतारी। इस अवसर पर अपर जिलाधिकारी (नगर) आलोक कुमार वर्मा के अलावा भारी संख्या में काशी के गणमान्य एवं संगीत प्रेमी लोग उपस्थित रहे।
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