हम उस राज्य के वासी हैं,
जहां उगते का करते सम्मान,
डूबते को भी करते प्रणाम,
विश्वास और निष्ठा के साथ हम,
जन-जन का चाहते कल्याण,
पहले अंधेरे का सफर करते,
फिर उजाले की तरफ बढ़ते,
यहां सिर्फ विहार ही नहीं है,
यहां प्रकृति भी करती है श्रृंगार,
ज्ञान-विज्ञान का भंडार यहां,
दुनिया में इसकी होती चर्चा,
वैशाली और नालंदा यहीं हैं,
बोधगया का वैभव भी यहां,
जनक नंदिनी सीता की धरती,
महावीर और बुद्ध की थाती,
मगध यहीं है, अंग यहीं है,
लिच्छवी का गणराज्य यहीं है,
गंगा-कोसी की बहती धारा,
और गांधी की है यह कर्मस्थली,
जहां इतिहास रोज़ दुहराती है,
हम उसी राज्य के वासी हैं।।
ऋचा कुमारी
शुभंकरपुर, मुजफ्फरपुर
चरखा फीचर्स
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