मत कर नशा ऐ युवा पीढ़ी,
तुम मिट्टी में मिल रहे हो,
नशे में चूर हो कर तुम,
ख़ुद की दुनिया जला रहे हो,
समझ बैठे हो जिसे तुम अमृत,
हकीकत में है वो मीठा ज़हर,
नशे की तुम्हें पड़ी ऐसी आदत,
तुमने जीने का अंदाज़ बदल लिया,
देखो आज समाज पर नशे का ऐसा प्रहार,
बच्चा बच्चा कर रहा है इसका आहार,
दिखता है अब चारों तरफ़ इसका प्रभाव,
अब जैसे मिट रहे हैं घर परिवार,
नशा मुक्त होगा जब हर इंसान,
तब होगा सभ्य समाज का निर्माण॥
सीमा मेहता
पोथिंग, उत्तराखंड
चरखा फीचर्स
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