सीहोर : भागवत कथा में उमड़ा का आस्था का सैलाब - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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रविवार, 29 दिसंबर 2024

सीहोर : भागवत कथा में उमड़ा का आस्था का सैलाब

  • श्रीमद् भागवत और राम चरित्र मानस हमारी पीढ़ी के लिए तिजोरी है : गोविन्द जाने

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सीहोर। श्रीमद भागवत और राम चरित्र मानस हमारी पीढ़ी के लिए तिजोरी है। जैसे पुराने घरों में बड़ी-बड़ी तिजोरी रखी रहती थी, उसमें हीरा-सोनी, चांदी रहते थे, उसी प्रकार यह धर्म के ग्रंथ हमारे लिए संस्कार और भाईचारे के खजाने है। मनुष्य को सदैव सहज और सरल स्वभाव से जीवन यापन कर अपने से पहले औरों के हित के लिए सोचना चाहिए। यह बात गांठ बांध लीजिए कि अगर आपका पड़ोसी-रिश्तेदार परेशान-दुखी है और आपको इसकी कोई परवाह नहीं है तो दुखी होने का अगला नंबर आपका है। दूसरी ओर जिसके हृदय में दूसरे का हित वास करता है, उसके लिए कुछ भी दुर्लभ नहीं है। खास बात यह है कि आप अपने सामर्थ्य के अनुरूप समाजहित में जितना भी योगदान दे पाएं वही श्रेष्ठ है। किसी भी व्यक्ति के योगदान को मापने का दुनिया में कोई पैमाना नहीं है। हर व्यक्ति के थोड़े-थोड़े योगदान से महान चीज का निर्माण होता है। उक्त विचार शहर के सिंधी कालोनी स्थित मैदान पर जारी सात दिवसीय भागवत कथा के छठवे दिन मालवा माटी के संत गोविंद जाने  ने कहे। उन्होंने कहा कि कलियुग को दूर करने का एक ही उपाय है, हम अधिक से अधिक भगवान के नाम का स्मरण करें।


रविवार को बड़ी संख्या में आए श्रद्धालुओं से कहा कि हमारे मन में बेटियों के प्रति प्रेम होना चाहिए। इस मौके पर उन्होंने बताया कि आपके शहर की एक बेटी ने कहाकि आप नरसी की कथा नहीं सुना रहे, पूर्व में आपके द्वारा कथा सुनाई गई थी।  पवित्र आत्मा से परमात्मा का सुमिरन करने से ही पूजा सार्थक होती है। अगर हमारा मन सदैव औरों की बुराई में लीन रहे और ईश्वर की आराधना करे तो भी परमात्मा कभी खुश नहीं हो सकता। जो दूसरों के लिए अच्छा सोचता है। परमात्मा ऐसे इंसानों का कभी बुरा नहीं होने देता साथ ही जो लोग दूसरों का बुरा चाहते हैं। भगवान उन लोगों का जीवन भर भला नहीं होने देते बुधवार को पंडाल में मौजूद बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं को धर्म का पाठ पढ़ाते हुए संत गोविंद जाने श्रीमद् भागवत कथा का वाचन किया। मालवा माटी के प्रसिद्घ संत गोविंद जाने ने संगीतमय मधुर भजनों की प्रस्तुति दी। जिसे सुनकर वहां मौजूद श्रद्घालु खुद को रोक नहीं पाए और प्रभु की भक्ति में मगन हो झूमने लगे। जैसे-जैसे भागवत कथा का सिलसिला आगे बढ़ता वहां भक्तों की संख्या बढ़ती जा रही थी। भागवत कथा के दौरान   गोदन सरकार सेवा समिति हनुमान मंदिर सीहोर की ओर से पंडित जितेन्द्र चतुर्वेदी का सम्मान किया गया। 

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