संस्थान के कार्यकारी निदेशक, डॉ. आशुतोष उपाध्याय ने किसानों को संबोधित करते हुए खेत को खाली न छोड़ने, समेकित कृषि प्रणाली अपनाने तथा सालभर आय सुनिश्चित करने और मृदा स्वास्थ्य कार्ड के आधार पर संतुलित उर्वरक उपयोग की सलाह दी।कार्यक्रम के बाद श्री अभिषेक कुमार ( प्रक्षेत्र प्रबंधक) के नेतृत्व में किसानों को प्रक्षेत्र भ्रमण कराया गया, जहां उन्होंने उन्नत कृषि तकनीकों को देखा और समझा। राष्ट्रीय किसान दिवस का उद्देश्य किसानों की कठिनाइयों को समझना, उनके योगदान का सम्मान करना और उनके कल्याण के लिए नई योजनाओं और तकनीकों को बढ़ावा देना है। यह कार्यक्रम किसानों के लिए नई कृषि पद्धतियों और जलवायु परिवर्तन के अनुकूल समाधान अपनाने की दिशा में एक प्रेरणादायक कदम साबित हुआ। कार्यक्रम का सफलतापूर्वक आयोजन संस्थान के निदेशक डॉ. अनुप दास के मार्गदर्शन में किया गया |
पटना (रजनीश के झा)। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद का पूर्वी अनुसंधान परिसर, पटना में दिनांक 23 दिसंबर 2024 को राष्ट्रीय किसान दिवस के अवसर पर "सतत् खाद्य सुरक्षा एवं जलवायु अनुकूल कृषि हेतु कुशल समाधान" विषय पर एक कृषक-वैज्ञानिक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में नौबतपुर प्रखंड के चिरिओरा, बदीपुर और आजादपुर गांव के 15 किसानों ने भाग लिया। हर साल 23 दिसंबर को राष्ट्रीय किसान दिवस, भारत के पूर्व प्रधानमंत्री और कृषि मंत्री चौधरी चरण सिंह की जयंती के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। कार्यक्रम की शुरुआत किसानों के पंजीकरण से हुई, इसके पश्चात स्वागत भाषण और कार्यक्रम के परिचय के लिए डॉ. धीरज कुमार सिंह (वरिष्ठ वैज्ञानिक, कृषि विस्तार) ने उपस्थितजनों को संबोधित किया। डॉ. संजीव कुमार (विभागाध्यक्ष, फसल अनुसंधान) ने समेकित कृषि प्रणाली द्वारा खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने पर चर्चा की। डॉ. अमिताभ डे ने खाद्य एवं पोषण सुरक्षा में पशुधन के महत्व को रेखांकित किया। जलवायु अनुकूल कृषि में किसानों की सहभागिता पर प्रकाश डालते हुए डॉ. उज्ज्वल कुमार (विभागाध्यक्ष, सामाजिक-आर्थिक एवं प्रसार) ने प्रेरणादायक बातें साझा कीं। इसके बाद विभागाध्यक्षों की पैनल चर्चा आयोजित की गई, जिसमें हर विभाग के विशेषज्ञों ने भाग लिया।
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