गया जिले के टेकारी प्रखंड के गुलेरियाचक गांव में 24 दिसंबर 2024 को एक कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें किसानों को मिट्टी की नमी बनाए रखने और दलहन तथा तिलहन जैसी फसलों के सफल उत्पादन के तरीकों के बारे में बताया गया। इस कार्यक्रम का संचालन डॉ. राकेश कुमार, वरिष्ठ वैज्ञानिक, और उनकी टीम द्वारा किया गया। विशेषज्ञों ने किसानों को सही सिंचाई प्रबंधन, भूमि संरक्षण उपायों और आधुनिक कृषि विधियों की जानकारी दी। इस कार्यक्रम में किसानों को बताया गया कि वे अपनी भूमि में नमी को कैसे बनाए रख सकते हैं, ताकि फसलें बेहतर तरीके से बढ़ सकें, विशेषकर दलहन और तिलहन जैसी महत्वपूर्ण फसलों का उत्पादन किया जा सके। इस प्रकार के कार्यक्रमों का आयोजन निरंतर किया जाता है, ताकि किसानों को नवीनतम कृषि तकनीकों की जानकारी मिल सके और वे अपनी खेती में सुधार कर सकें।
कार्यक्रम में उर्वरक प्रबंधन के लिए NPK (15:15:15) स्प्रे और मृदा परीक्षण के लाभों पर भी चर्चा की गई। NPK 15:15:15 (2 मिली/लीटर) का पत्तियों पर छिड़काव असिंचित परिस्थितियों में पौधों को तुरंत पोषक तत्व प्रदान करता है, विशेषकर नाइट्रोजन, फास्फोरस और पोटाश। इससे फसल की वृद्धि, विकास और सूखा सहनशीलता में सुधार होता है, जिससे पानी की कमी के बावजूद उपज में वृद्धि होती है। NPK का उपयोग दलहन और तिलहन में पत्तीयों के विकास और फलन (पॉडिंग) के दौरान पोषक तत्वों की संतुलित आपूर्ति के लिए किया जाता है, जिससे पौधों की वृद्धि बढ़ती है, फूलों और फलों की गुणवत्ता में सुधार होता है, और उपज में वृद्धि होती है। इस कार्यक्रम में कुल 34 किसानों ने भाग लिया और कृषि विज्ञान केंद्र मानपुर, गया ने इस कार्यक्रम को सफल बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया। इस प्रकार, यह कार्यक्रम किसानों को उन्नत कृषि तकनीकों से अवगत कराकर उनकी कृषि उत्पादकता में सुधार लाने के उद्देश्य से महत्वपूर्ण कदम साबित हो रहा है।
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