प्रयागराज : भारतीय परम्परा निभाने का संदेश: यहां हो रहा 12 करोड़ पार्थिव शिवलिंग का निर्माण - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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रविवार, 8 दिसंबर 2024

प्रयागराज : भारतीय परम्परा निभाने का संदेश: यहां हो रहा 12 करोड़ पार्थिव शिवलिंग का निर्माण

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प्रयागराज। विश्व के इतिहास में पहली बार द्वादश ज्योतिर्लिंगों को समर्पित 12 करोड़ पार्थिव शिवलिंग का निर्माण के महायज्ञ के अधिष्ठाता स्वामी ब्रिजेशानन्दजी महाराज पीठाधीश्वर मनकामेश्वर धाम लालापुर के द्वारा जिसमे 21 केंद्रों के माध्यम से 12 करोड़ पार्थिव शिवलिंग बनाये जा रहे है। शिवलिंग निर्माण के आज 23वें दिन, यहां मुख्य कार्यक्रम केंद्र स्थल पर पूज्य गरूदेव के सानिध्य में भारतीय सवर्ण संघ के राष्ट्रीय महासचिव पण्डित साधू तिवारी ने अपने बुजुर्ग पिताजी श्रीकान्त तिवारी उर्फ नीलकंठ तिवारी का 79वाँ जन्मदिन भव्य उत्सव के साथ मनाया। इस समारोह का मुख्य आकर्षण विश्व प्रसिद्ध, मां अन्नपूर्णा का रूप "गिर गाय" के दूध से बने खोये का बना केक था, जो पूज्य गुरुदेव ने प्रसाद स्वरूप तैयार करवाया।


प्रयागराज मेजा के परानीपुर स्थित सुप्रसिद्ध बाबा धाम में विश्व के इतिहास में पहली बार द्वादश ज्योतिर्लिंगों को समर्पित 12 करोड़ पार्थिव शिवलिंग का निर्माण के महायज्ञ के अधिष्ठाता स्वामी ब्रिजेशानन्दजी महाराज, पीठाधीश्वर मनकामेश्वर धाम, लालापुर, प्रयागराज के द्वारा किया जा रहा है। यहां 21 केंद्रों के माध्यम से 12 करोड़ पार्थिव शिवलिंग दिन रात बिना रुके लगातार बनाये जा रहे हैं। आज के समय जब ज्यादातर लोग अपना और अपने बच्चों का जन्मदिन के लिए नाच गाना, चका चौंध के साथ, बड़े बड़े होटलों में लाखों रुपए लुटा रहे हैं, वहीं आज भी कई लोग अपनी सनातन परंपरा का निर्वाह करते हुए अपनी नई पीढ़ी को संतों व बुजुर्गों का समान के साथ साथ इन भारतीय परम्परा को निभाने का संदेश दे रहे है। सनातन परंपरा के निर्वाह के इसी क्रम में भारतीय सवर्ण संघ के राष्ट्रीय महासचिव पण्डित साधू तिवारी (पांच भाई व चार बहन) ने शास्त्री सदन परिवार के मुखिया श्रीकांत तिवारी उर्फ नीलकंठ तिवारी का जन्मदिन सनातनी विधि से हर वर्ष संतो के सानिध्य में, मंदिर व आश्रम में भव्य पूजार्चना के साथ मनाते आए हैं। बताते चलें कि शास्त्री सदन परिवार, मिर्जापुर जिले में भारतीय सनातन परंपरा के निर्वाह के साथ - साथ अपने बड़े बुजुर्गों के मान सम्मान के लिए एक आदर्श प्रस्तुत किया है।

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