- पीड़ा का हर क्षण प्रभु में विश्वास बढ़ाने का एक अवसर : कथा व्यास पंडित राघव मिश्रा
शिव को दिल से कहो और पुकारो तो महादेव उसे दिल से सुनेंग
मंगलवार को कथा के दौरान कथा व्यास पंडित राघव मिश्रा ने कहा कि भगवान शिव की आराधना करने वाला भक्त कभी दुखी नहीं रहता। भगवान भोलेनाथ हर भक्त की सुनते हैं। भोले की भक्ति में शक्ति होती है। भगवान भोलेनाथ कभी भी किसी भी मनुष्य की जिंदगी का पासा पलट सकते हैं। बस भक्तों को भगवान भोलेनाथ पर विश्वास करना चाहिए और उनकी प्रतिदिन आराधना करनी चाहिए। उन्होंने यहां पर मौजूद श्रद्धालुओं को आह्वान किया है कि भक्ति के लिए कठिन तप करने की आवश्यकता नहीं है, भगवान भोलेनाथ तो आपकी भक्ति के भाव से खुश हो जाते है। कथा कहती है कि महादेव को जैसे रिझाओंगे वैसे ही शंकर रिझ जाते हैं। शिवजी की पूजन में कोई गलती व कमी नहीं होनी चाहिए, ये लोग कहते हैं, लेकिन अगर आप शिव को दिल से कहो और पुकारो तो महादेव उसे दिल से सुनेंगे। भोलेनाथ कभी भक्त की कोई गलती व कमी नहीं देखते हैं।
शिव पुत्र कार्तिकेय द्वारा तारकासुर वध की कथा
शिव पुत्र कार्तिकेय द्वारा तारकासुर वध की कथा सुनाते हुए कहा कि कृतिकाओं के घर से जब गणों के साथ कार्तिकेय कैलाश पहुंचे तो वहां पर माता पार्वती व शंकर जी सहित समस्त देवियों एवं देवगणों ने अपने-अपने अस्त्र-शस्त्र प्रदान कर देवताओं के सेनापति पद पर सुशोभित किया। तब शंकर जी ने प्रसन्नता से देवताओं से कहा कि वरदान मांगो। समस्त देवताओं ने कुमार द्वारा तारकासुर वध की प्रार्थना की गई। तब शिवजी और माता पार्वती ने सहर्ष उन्हें वरदान प्रदान किया। सभी देवगण कार्तिकेय को साथ लेकर तारकासुर से युद्ध हेतु प्रस्थान कर गए। यहां तारकासुर ने बड़ी भारी सेना के साथ देवताओं से महा भयंकर संग्राम किया। उस युद्ध में तारकासुर ने वीरभद्र, विष्णु जी आदि देवों से घनघोर युद्ध किया। परन्तु महाबली तारकासुर पराजित नहीं हुआ। तब ब्रम्हाजी ने कार्तिकेय से कहा कि आप न तो बालक हैं न युवा परन्तु सर्वेश्वर हैं। मेरे वरदान के कारण देवताओं से इसका वध सम्भव नहीं है। आपके द्वारा ही इसका वध होगा। ब्रम्हा जी के वचन सुनकर कुमार कार्तिकेय ने अद्भुत युद्ध कौशल का प्रदर्शन करते हुए तारकासुर से युद्ध किया। अपनी शक्ति के प्रहार से महाबली तारकासुर का वध करके संसार को निर्भय किया।
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