- मधुबनी जिले के 29,559 हेक्टेयर क्षेत्र में मिलेगी सिंचाई सुविधा, 8 प्रखंडों के किसान होंगे लाभान्वित
- मिथिला के बड़े इलाके को मिलेगी कमला नदी की बाढ़ से सुरक्षा
कमला नदी को बाढ़ से सुरक्षा एवं सिंचाई सुविधा को ध्यान में रखते हुए जयनगर में वर्ष 1970 में 292.5 मीटर लंबा कमला वीयर का निर्माण कराया गया था। इसकी वितरण प्रणाली एवं अन्य कार्य 1974-75 में पूर्ण हुआ था। इस वीयर फॉलिंग शटर का प्रावधान था। बाढ़ के समय भारी मात्रा में शिल्ट जमा होने से फॉलिंग शटर जाम हो जाता था। इससे सिंचाई योजना के लिए पर्याप्त जलस्राव नहीं मिल पाता था। इसके अलावा कमला वीयर का रूपांकण कमला नदी के अधिकतम जलस्राव 1,40,000 क्यूसेक के आधार पर किया गया था, लेकिन 13 जुलाई 2019 को कमला नदी में आई अप्रत्याशित बाढ़ के दौरान वीयर साइट पर लगभग 2,19,769 क्यूसेक जलस्राव प्रवाहित हुआ। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने खुद जयनगर जाकर इस स्थिति की समीक्षा की थी और कमला वीयर को बराज में परिवर्तित करने के निर्देश दिये थे। इसके उपरांत कमला वियर के डाउनस्ट्रीम में लगभग 550 मीटर लंबे अत्याधुनिक बराज के निर्माण की योजना तैयार की गई। कमला बराज का निर्माण कार्य 2021 में शुरू हुआ। इसके शेष कार्यों को तेजी से पूरा कराया जा रहा है। कमला बराज का निर्माण पूर्ण होने पर कमला नदी के अधिशेष जल का उपयोग सिंचाई के लिए हो सकेगा, जिससे 29,559 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई सुविधा सुनिश्चित होगी। इससे मधुबनी जिले के जयनगर, लदनियां, बासोपट्टी, हरलाखी, कलुआही, मधवापुर, बाबूबरही और खजौली (कुल 8) प्रखंडों के किसान लाभान्वित होंगे। साथ ही मिथिला को कमला नदी की बाढ़ से दीर्घकालिक सुरक्षा मिलेगी।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें