सीहोर : सिंधी कॉलोनी मैदान पर श्रीराम कथा का दूसरा दिन हुआ शिव विवाह - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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रविवार, 15 दिसंबर 2024

सीहोर : सिंधी कॉलोनी मैदान पर श्रीराम कथा का दूसरा दिन हुआ शिव विवाह

  • असुरों का भी श्रीराम कल्याण कर देते है तो सदगुणी भक्तों को क्यों नहीं तारेंगे
  • राम कथा संदेह से विश्वास की और ले जाने की है पावन कथा, संदेह जब मिट जाता है तो व्यक्ति रातभर आराम से सोता है : पंडित तिवारी

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सीहोर। सिंधी कॉलोनी मैदान पर आयोजित रामचरित्र मानस श्रीराम कथा के दूसरे दिन रविवार को कथा व्यास ज्योतिषा आचार्य पं अजय शंकर तिवारी ने महादेव सती विवाह प्रसंग सुनाते हुए श्रद्धालुओं के समक्ष कहा की इस पूरी दुनिया को सीयाराम जानिए और सब में रामजी को देखिए। बाबा तुलसीदास ने रामचरित्र मानस में लिखा है की असुरों का भी श्रीराम कल्याण कर देते है तो सदगुणी भक्तों को क्यों नहीं तारेंगे। हमारे जीवन में रामजी की कथा का महत्व है, रामायण परिवार को जोड़कर रखने और वचनों का पालन करना सिखाती है। अगस्त ऋषि ने राम कथा सुनी लेकिन सती ने कथा नहीं सुनी तो भोले बाबा सती को मनाने लगे, भोले बाबा रामजी को प्रणाम करते है लेकिन सती रामजी को भगवान नहीं मानती है तब भोलेनाथ समझाते है। उन्होने कहा की किसी भी देवता से पहले अपने पति की पूजन पत्नि को करना चाहिए यही नारी का प्रथम धर्म शास्त्रों में बताया गया है।


पंडित श्री तिवारी ने कहा की राम कथा संदेह से विश्वास की और ले जाने की कथा है, संदेह जब मिट जाता है तो व्यक्ति रातभर आराम से सोता है लेकिन संदेह है तो कोई चैन से सो नहीं पाता है, राम पर विश्ववास रखने वालों के साथ स्वयं राम होते है। सती माता राम जी को भगवान नही मानती है सती ने रामजी की परीक्षा लेने के लिए सीता माता का रूप रख लिया। लेकिन रूप बदलना सरल है स्वाभाव बदलना कठिन है सती ने सीता का रूप तो रख लिया लेकिन सीता माता का स्वाभाव नही अपना पाई और राम जी लक्ष्मण जी ने उन्हे पहचान कर प्रणाम किया। सती के हट के कारण बाबा भोले 87 हजार साल के लिए बाबा ने समाधी ले ली। एकांत में अगर आप को भगवान याद आ रहे है तो आप राम भक्त है अगर स्वयं का स्वरूप याद आएंगे तब कोई कामना है संदेह है।


पंडित श्री तिवारी ने शिव विवाह प्रसंग सुनाते हुए कहा की विवाह के लिए जब महादेव दुल्हा बने तो बारात में भूतप्रेत भक्त देवता सब शामिल हुए। बारात में दुनिया भर के काले पीले रंग बिरेंगे आधे अधुरे बिना धड़ बिना शरीर बाले भूतप्रेत भी ओम नमा: शिवाय का जाप कर रहे थे। जब भूत प्रभु का नाम रामजी का नाम जप सकते है तो आप को क्या परेशानी है। कथा पंडाल में शिव विवाह संपन्न कराया गया पाणी ग्रहण संस्कार कराया गया। विभिन्न कथा प्रसंगों चौपाईयों के माध्यम से श्री तिवारी ने नागरिकों को रामभक्ति प्रभु के समक्ष समार्पण करने का संदेश दिया। कथा सुनने के लिए बड़ी संख्या में शहर सहित भोपाल इंदौर, शाजापुर एवं आसपास के ग्रामीण अंचलों के श्रद्धालुजन पहुंचे। शिव शक्ति सांस्कृतिक मंडल आयोजन समिति के समस्त पदाधिकारियों कार्यकर्ताओं ने नागरिकों से श्रीराम कथा सुनने के लिए सिंधी कॉलोनी मैदान पहुंचने की अपील की है। कन्यादान के बाद आरती के उपरांत दुसरे दिन की कथा का समापन किया। 

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