उद्घाटन समारोह
कार्यक्रम का उद्घाटन जेल अधीक्षक श्री मनोज कुमार और जिला खेल अधिकारी श्रीमती डेजी रानी की गरिमामयी उपस्थिति में हुआ। स्वागत गीत के साथ समारोह की शुरुआत हुई, जिसके बाद अतिथियों का औपचारिक स्वागत और उन्हें बैज व गुलदस्ते भेंट किए गए। दीप प्रज्वलन और विद्यालय के ध्वज के ध्वजारोहण के बाद विभिन्न सदनों की टीमों का परिचय दिया गया। मुख्य अतिथि श्री मनोज कुमार ने अपने संबोधन में कहा, "खेल जीवन में अनुशासन और आत्मविश्वास को बढ़ावा देता है। यह बच्चों को नेतृत्व और चुनौतियों का सामना करना सिखाता है। विद्या विहार आवासीय विद्यालय ने इस आयोजन के माध्यम से छात्रों को अपनी क्षमताओं को प्रदर्शित करने का एक अद्भुत मंच दिया है।" श्रीमती डेजी रानी ने कहा, "खेलकूद के माध्यम से छात्र न केवल शारीरिक, बल्कि मानसिक और सामाजिक विकास भी करते हैं। इस तरह के आयोजन बच्चों को आत्मनिर्भर और सशक्त बनाते हैं।"
स्पर्धाओं का आयोजन
दूसरे और तीसरे दिन, स्टेडियम ऊर्जा और उत्साह से भरा रहा। छात्रों ने विभिन्न ट्रैक और फील्ड स्पर्धाओं में भाग लिया, जिनमें शामिल थीं:
- स्प्रिंट (100 मीटर, 200 मीटर, 400 मीटर)
- मध्य दूरी की दौड़ (800 मीटर और 1500 मीटर)
- लॉन्ग जंप, हाई जंप और स्टैंडिंग ब्रॉड जंप
- शॉट पुट और मेडिसिन बॉल थ्रो
- 4x100 मीटर इंटर-हाउस रिले रेस
इन प्रतियोगिताओं में कई छात्रों ने उत्कृष्ट प्रदर्शन किया और नए रिकॉर्ड बनाए। प्रत्येक समूह से सर्वश्रेष्ठ एथलीट चुने गए:
- ग्रुप ए (कक्षा 4 और 5 लड़के): आर्यन कुमार (रोल नंबर 5661)
- ग्रुप बी (कक्षा 6 और 7 लड़के): सोनू कुमार (रोल नंबर 5972)
- ग्रुप सी (कक्षा 8, 9 और 11 लड़के): बमबम (रोल नंबर 5128)
- ग्रुप डी (कक्षा 4, 5 और 6 लड़कियां): रितिका कुमारी
समापन समारोह
समापन समारोह में पूर्णिया की मेयर श्रीमती विभा कुमारी, सामाजिक कार्यकर्ता श्री भोला कुमार साह, और डिप्टी मेयर श्रीमती पल्लवी गुप्ता मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। इस आयोजन में अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने भी शिरकत की, जिनमें शामिल थे:
- श्री रमेश चंद्र मिश्रा (सचिव)
- श्री बृजेश मिश्रा (ट्रस्टी)
- इंजीनियर आर के पॉल (निदेशक)
- श्री निखिल रंजन (प्रधानाचार्य)
- श्री दिगेंद्र नाथ चौधरी (संयुक्त निदेशक)
- श्रीमती पल्लवी मिश्रा और कात्यानी मिश्रा (ट्रस्टी)
- सी.के. झा (प्रशासक)
- प्रीति पांडे (प्रशासक)
- डॉ. गोपाल झा (जूनियर संकाय के उप प्रधानाचार्य)
- रीता मिश्रा ( उप प्रधानाचार्य)
- पीआरओ राहुल शांडिल्य
- परीक्षा नियंत्रक बिपिन कुमार सिंह
समारोह में सामाजिक कार्यकर्ता श्री भोला कुमार साह ने अपने प्रेरणादायक संबोधन में कहा, "खेल हमारे जीवन में अनुशासन और नेतृत्व क्षमता का विकास करता है। विद्या विहार जैसे विद्यालय में इस तरह के आयोजन छात्रों को भविष्य की चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार करते हैं। इस आयोजन ने छात्रों को अपनी प्रतिभा दिखाने का बेहतरीन मंच दिया है।" मेयर श्रीमती विभा कुमारी ने अपने संबोधन में कहा, "विद्या विहार आवासीय विद्यालय ने शिक्षा और खेल को साथ लेकर छात्रों के सर्वांगीण विकास का जो प्रयास किया है, वह सराहनीय है। ऐसे आयोजन छात्रों को न केवल शारीरिक रूप से मजबूत बनाते हैं, बल्कि मानसिक रूप से भी सशक्त करते हैं। यह विद्यालय न केवल पूर्णिया, बल्कि पूरे बिहार के लिए एक आदर्श है। मुझे गर्व है कि यहां के बच्चे खेल और शिक्षा दोनों में उत्कृष्टता प्राप्त कर रहे हैं।" डिप्टी मेयर श्रीमती पल्लवी गुप्ता ने कहा, "विद्या विहार आवासीय विद्यालय न केवल शिक्षा के क्षेत्र में, बल्कि खेलों में भी एक आदर्श है। खेलकूद से छात्रों में आत्मविश्वास और टीमवर्क के गुण विकसित होते हैं। इस आयोजन ने यह साबित किया है कि यह विद्यालय शिक्षा और खेल दोनों में अग्रणी है।"
विद्यालय के खेल और शारीरिक शिक्षा विभाग ने इस आयोजन को सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनकी टीम में शामिल थे:
- श्री अमित लकड़ा (HOD)
- श्री वेद प्रकाश भगत
- श्री देबाशीष सरकार
- श्रीमती विजयलक्ष्मी
- श्री नंद किशोर यादव
- श्री संदीप झा (NCC ANO)
- श्रीमती अनामिका राजक
- श्री मोहम्मद शादाब अकरम
- श्री नीलॉय कुमार देब
मंच का संचालन डॉ. गोपाल झा ने कुशलता से किया। म्यूजिक विभाग की शिक्षिका श्रीमती सुप्रिया मिश्रा और शिक्षक सत्यानंद कुमार ने विद्यालय गीत और राष्ट्रगान प्रस्तुत किया।
इस आयोजन का महत्व
वीवीआरएस का यह वार्षिक एथलेटिक्स मीट न केवल छात्रों की खेल प्रतिभा को निखारने का मंच बना, बल्कि उनमें आत्मविश्वास, अनुशासन और नेतृत्व कौशल का विकास भी किया। विद्यालय प्रबंधन, विशेष रूप से निदेशक श्री रंजीत पाल, सचिव श्री रमेश चंद्र मिश्रा, और प्रधानाचार्य श्री निखिल रंजन के कुशल मार्गदर्शन और शिक्षकों की समर्पित टीम के प्रयासों ने इसे सफल बनाया। विद्या विहार आवासीय विद्यालय ने इस आयोजन के माध्यम से यह सिद्ध किया कि वह न केवल शिक्षा, बल्कि खेल और सांस्कृतिक गतिविधियों में भी उत्कृष्टता के नए मानक स्थापित कर रहा है।
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