लोगों को आज सियासत, मजहब के नाम पर आपस में लड़ते-भिड़ते देखकर परमेश्वर का दिल रो रहा है। जातिवाद, रंगभेद, नस्लभेद आज बढ़ा हुआ है। पड़ोसी देश युद्ध पर उतारू हैं लोग भी अपने पडोसी घर वालों से मिलकर रहने को तैयार नहीं हैं। हर ओर अशांति, बम, मिसाइल और मौत का तांडव जारी है। ऐसी परिस्थितियों मे जमीन के अंदर से गुस्से की ज्वालामुखी फूट रही है। ऐसे में महायोगी हम सब से कहने आये हैं, कि अब आगे ऐसा नहीं होगा। अब इंसानियत के जागने का समय आ गया है। कलयुग खत्म होने को है और जल्द सतयुग का आरम्भ होगा। फ़िल्म यही मैसेज देती है कि हम धार्मिक, सामाजिक और आंतरिक भेदभाव भूल कर आपसी प्रेम, शांति और वैश्विक एकता की राहों पर चल पड़ें। तभी अच्छे दौर की शुरुआत होगी। निर्माता निर्देशक राजन लूथरा अपनी फिल्म "महायोगी हाईवे १ टू वननेस" के द्वारा ईश्वर का यही सन्देश लोगों तक पहुंचा रहे हैं कि आपसी प्यार व सद्भाव और एकता में ही ईश्वर बसते हैं। फ़िल्म में अमेरिका के शहरों सैनफ्रांसिस्को, लॉस एंजेल्स की झलकियां आकर्षक दिखती हैं वहीं हरिद्वार और केदारनाथ की खूबसूरत लोकेशन भी मन मोह लेती है। समाज के लिए जरूरी ऐसे सिनेमा को देखा जाना चाहिए।
फ़िल्म समीक्षा : महायोगी
लेखक निर्माता निर्देशक ऎक्टर : राजन लूथरा
अवधि : 1 घण्टा 44 मिनट
भाषा : अंग्रेजी
भारत रिलीज : प्रिंस मूवीज राकेश सभरवाल
रेटिंग : 3 स्टार्स
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