सीहोर : हनुमान अष्टमी पर विजय उत्सव मनाया - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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सोमवार, 23 दिसंबर 2024

सीहोर : हनुमान अष्टमी पर विजय उत्सव मनाया

  • बस स्टैंड पर भव्य हनुमान मंदिर का प्राण-प्रतिष्ठान शीघ्र किया जाएगा

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सीहोर। हर साल की तरह इस साल भी शहर के बस स्टैंड स्थित श्री सिद्ध हनुमान मंदिर में हनुमान अष्टमी का कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। इस मौके पर सुबह और शाम को आरती का आयोजन हुआ। बस स्टैंड क्षेत्र पर राजस्थान से मंगाए गए पत्थरों से मंदिर का निर्माण कार्य जारी है। सोमवार को मंदिर समिति के संरक्षक श्री-श्री 108 पंडित दुर्गाप्रसाद कटारे, समिति के अध्यक्ष रुद्र प्रकाश राठौर, मंदिर के पुजारी अनिल शास्त्री और यज्ञाचार्य द्वारा निरीक्षण किया। मेहंदीपुरा बाला जी की तर्ज पर बस स्टैंड पर श्री सिद्ध हनुमान मंदिर प्रसिद्ध होने जा रहा है। करीब तीन करोड़ से बनाए जाने वाले हनुमान मंदिर में 2025 में राजस्थान से लाखों रुपए से मंगाई गई जहां पर हनुमान जी के साथ ही भगवान श्रीराम, लक्ष्मण और जानकी की मूर्तियों की प्राण-प्रतिष्ठा का आयोजन किया जाएगा। समिति के संरक्षक पंडित श्री कटारे बाबा ने बताया कि मंदिर परिसर काफी भव्य है यह मंदिर और धर्मशाला की तरह रहेगा, यहां पर आने वाले सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालुओं के ठहरने और निशुल्क भोजन प्रसादी का इंतजाम किया जाएगा। यह शहर का एकमात्र मंदिर ऐसा है जिसमें सभी समाज के लोगों का सहयोग लिया गया है। मंदिर समिति द्वारा सभी के सहयोग से मंदिर निर्माण का कार्य जारी है।


पंडित श्री कटारे ने कहा कि उन्होंने कहा कि हमारे ब्रह्मलीन पिता श्री द्वारा करीब 232 से अधिक मंदिरों का जीर्णोद्धार किया जा चुका है और हमारे द्वारा भी अब तक 88 से अधिक मंदिरों के जीर्णोद्धार के साथ प्राण-प्रतिष्ठा हो चुकी है और करीब 12 मंदिर निर्माणाधीन है। इन मंदिरों में शहर का हनुमान मंदिर करीब 60 वर्ष पूर्व ब्रह्मलीन सूरदास महाराज मनोहर दास द्वारा निर्मित किया गया था, जो दयनीय स्थिति में था, लेकिन अब राजस्थान से मंगवाए पत्थरों की नक्काशी से मंदिर अपने दिव्य स्वरूप में झलक रहा है। हमारा उद्देश्य हिंदू समाज को मजबूत करना है। इसके अलावा हिंदू जीवन दर्शन और आध्यात्म की रक्षा, संवर्दधन और प्रचार, विदेशों में रहने वाले हिंदूओं से तालमेल रखना, हिंदू और हिंदूत्व की रक्षा के लिए उन्हें संगठित करना है। धर्म उन लोगों की रक्षा करता है जो इसकी रक्षा करते है। इसलिए आप सभी सहयोग करे। अब तक दो करोड़ रुपए क्षेत्रवासियों और श्रद्धालुओं ने प्रदान किए है और आगे भी सहयोग मिलता रहेगा।

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