- आत्महत्या नहीं, सोनू कुमार की हुई सांस्थानिक हत्या, 29 दिसंबर को पूरे बिहार में मोमबत्ती जलाकर दी जाएगी श्रद्धांजलि
- चक्का जाम में विपक्षी दलों व छात्र–युवा संगठनों से सक्रिय समर्थन की अपील
नीतीश-मोदी सरकार बिहार में सुशासन के बड़े–बड़े दावे करती है पर एक परीक्षा सुचारु रूप से करा पाने में सफल नहीं है. लोकतांत्रिक मांगें उठाने पर जेल, फर्जी मुकदमे और बर्बर पुलिसिया दमन नियम बनते जा रहे हैं. याद करें कि इसी परीक्षा में नॉर्मलाइजेशन का विरोध कर रहे छात्र–छात्राओं पर भी लाठीचार्ज हुआ था. आइसा–आरवाइए ने कहा है कि बिहार इस वक्त शिक्षा और परीक्षा माफियाओं की गिरफ़्त में है. समय पर डिग्री न मिलना, कॉलेज में शिक्षक न होना, परीक्षा में धांधली, पैसे पर बिकती नौकरी और डिग्री बिहार में आम चलन बनता जा रहा है. पर सरकार माफियाओं पर लगाम लगाने की बजाय युवाओं पर लाठियां चला रही है. विदित है कि मुजफ्फरपुर केंद्र पर BPSC–PT परीक्षा देने वाले पटना जिले के पालीगंज के सोनू कुमार नाम के छात्र ने इस तनाव में अपनी जान ले ली. यह आत्महत्या नहीं सांस्थानिक हत्या है जिसका जवाब मोदी–नीतीश की जोड़ी को देना होगा. 30 दिसंबर के चक्का जाम की पूर्व संध्या 29 दिसंबर को पूरे बिहार में मोमबत्ती जलाकर सोनू कुमार को श्रद्धांजलि दी जाएगी. उन्होंने कहा कि आइसा–आरवाइए ने सभी विपक्षी राजनीतिक दलों और छात्र–युवा संगठनों से अपील की है कि बिहार के भविष्य के लिए लड़ रहे नौजवानों के पक्ष में एकजुट आंदोलन के लिए आगे आएं और 30 दिसंबर के बिहार का चक्का जाम आंदोलन में सक्रिय हिस्सेदारी करें.
1. BPSC की 70 वीं PT रद्द करो! परीक्षा की नई तारीखों की घोषणा जल्द करो!
2. पेपर लीक–परीक्षा माफिया तंत्र खत्म करो! सख्त कानून बनाओ!
3. पुलिस लाठीचार्ज के दोषियों को दंडित करो!
4. आंदोलनकारी छात्रों को जेल से रिहा करो! फर्जी मुकदमे वापस लो!
5. सोनू कुमार के परिजनों को 5 करोड़ का मुआवजा दो!
इस घोषणा के समय प्रीति कुमारी, प्रदेश अध्यक्ष, आइसा; सबीर कुमार, प्रदेश सचिव, आइसा (AISA) और जितेंद्र पासवान, प्रदेश अध्यक्ष, आरवाइए भी विधायक शिवप्रकाश रंजन के साथ मौजूद रहे.
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें