महंत उद्ववदास महाराज ने कहा कि तुलसीदास की रामचरितमानस में नाम महिमा को विशेष रुप से दर्शाया गया है। भगवान राम कहते हैं कि इस शक्ति से अनभिज्ञ हूं। रामचरितमानस नाम मात्र सुनने से ही संपूर्ण रामचरितमानस सुनने का फल मिल जाता है। व्यक्ति को जीवन में संदेह नहीं करना चाहिए क्योंकि संदेह व्यक्ति के जीवन का पतन करता है और विश्वास व्यक्ति के जीवन में प्रगति करता है। श्री राम कथा श्रद्धा और विश्वास की कथा है। इसके सुनने से व्यक्ति का कल्याण होता है जिसके लिए प्रबुद्ध समाज को समय निकालना चाहिए। उन्होंने कहा कि रामचरितमानस में तुलसीदास महाराज ने भगवान श्री राम की मर्यादाओं का व्याख्यान किया है कि समाज में इस प्रकार की मर्यादाओं को अपनाने से अनेक प्रकार की बुराइयों का खात्मा होता है।
सीहोर। शहर के सीवन नदी के घाट पर गंगेश्वर महादेव, शनि मंदिर परिसर में जारी संगीतमय नौ दिवसीय श्रीराम कथा के समापन पर महा प्रसादी का वितरण किया गया था। इस मौके पर ऊंकार प्रसाद जायसवाल परिवार के तत्वाधान में समस्त सनातन प्रेमी भक्तजन यहां पर आने वाले श्रद्धालुओं का प्रसादी का वितरण किया। इस संबंध में जानकारी देते हुए वितरण कार्य देख रहे संजय जायसवाल ने बताया कि महंत उद्ववदास महाराज के सानिध्य में नौ दिवसीय संगीतमय श्रीराम कथा का आयोजन किया गया था।
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