सीहोर : सिंधी कालोनी में सात दिवसीय भागवत कथा - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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गुरुवार, 26 दिसंबर 2024

सीहोर : सिंधी कालोनी में सात दिवसीय भागवत कथा

  • कठोर तपस्या के बाद जिस भक्त का रिश्ता भगवान के चरणों से हो जाता है फिर दुनिया में कोई भी उस भक्त का रास्ता नहीं रोक सकता : संत गोविन्द जाने

Bhagwat-katha-sehore
सीहोर। ईश्वर की आराधना तो सब ही करते हैं, लेकिन भक्ति में इतना दम पैदा करें कि इंसान द्वारा की जाने वाली हर क्रिया साधना बन जाए और पावन मन से परमपिता परमेश्वर का इस तरह सुमिरन करें कि परमात्मा भक्त से की जाने वाली भक्ति से प्रसन्न होकर उसे अपने चरणों में स्थान दे दें तथा वह परम भक्त भगवान शरण की कृपा का पात्र बन जाए। कठोर तपस्या के बाद जिस भक्त का रिश्ता भगवान के चरणों से हो जाता है फिर दुनिया में कोई भी उस भक्त का रास्ता नहीं रोक सकता। उक्त विचार शहर के सिंधी कालोनी मैदान पर जारी सात दिवसीय भागवत कथा के दूसरे दिन संत गोविन्द जाने ने कहे। शहर के सिंधी कालोनी में गोदन सरकार सेवा समिति हनुमान मंदिर सीहोर के तत्वाधान में संत गोविन्द जाने के द्वारा संगीतमय  सात दिवसीय भागवत कथा का आयोजन किया जा रहा है। बुधवार को भागवत कथा के दूसरे दिन उन्होंने कहा कि गौ माता की सेवा करना चाहिए और सत्मार्ग का अनुसरण करना चाहिए।


कथा की शुरुआत करते हुए कहा कि आप सब पर ठाकुर जी की कृपा है। जिसकी वजह से आप आज कथा का आनंद ले रहे है। श्रीमद भगवत कथा का रसपान कर पा रहें हैं क्योंकि जिन्हें भगवान प्रदान करते है जितना प्रदान करते है उसे उतना ही मिलता है। कथा में यह भी बताया की अगर आप भागवत कथा सुनकर कुछ पाना चाहते हैं, कुछ सीखना चाहते है तो कथा में प्यासे बन कर आए, कुछ सीखने के उद्देश्य से, कुछ पाने के उद्देश्य से आएं, तो ये भागवत कथा जरूर आपको कुछ नहीं बल्कि बहुत कुछ देगी। मनुष्य जीवन विषय वस्तु को भोगने के लिए नहीं मिला है, लेकिन आज का मानव भगवान की भक्ति को छोड़ विषय वस्तु को भोगने में लगा हुआ है। उसका सारा ध्यान संसारिक विषयों को भोगने में ही लगा हुआ है। मानव जीवन का उद्देश्य कृष्ण प्राप्ति शाश्वत है। उन्होंने कहा कि हमारे जीवन का उद्देश्य कृष्ण को पाकर ही जीवन छोड़ना है और अगर हम ये दृढ़ निश्चय कर लेंगे कि हमें जीवन में कृष्ण को पाना ही है तो हमारे लिए इससे प्रभु से बढ़कर कोई और सुख, संपत्ति या सम्पदा नहीं है।

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