भाकपा–माले के राज्य सचिव कुणाल, सीपीआई के राज्य सचिव रामनरेश पांडेय, सीपीएम के राज्य सचिव ललन चौधरी और एआइएफबी व आरएसपी के नेताओं ने आज संयुक्त प्रेस बयान जारी करके 30 दिसंबर को राज्य के सभी जिला मुख्यालयों पर संयुक्त रूप से विरोध दिवस आयोजित करने की घोषणा की है. वाम नेताओं ने कहा कि अमित शाह की टिप्पणी संविधान और बाबा साहब के प्रति भाजपा व आरएसएस की घृणा का प्रदर्शन है. मनुस्मृति को देश का संविधान बना देने की उनकी बेचैनी साफ तौर पर जाहिर हो रही है. लेकिन देश की जनता संविधान और बाबा साहब पर हो रहे हर हमले का जोरदार प्रतिवाद जारी रखेगी.
पटना, 27 दिसंबर (रजनीश के झा)। राज्यसभा में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा डॉ. बी.आर. अंबेडकर पर की गई अपमानजनक टिप्पणियों के खिलाफ देश भर में व्यापक गुस्सा है. जगह – जगह विरोध हो रहे हैं. लेकिन न तो अमित शाह और न ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी किसी प्रकार की जिम्मेदारी लेने और उपचारात्मक कार्रवाई करने को तैयार हैं. इसलिए वाम दलों ने अमित शाह के इस्तीफे की मांग पर 30 दिसंबर को देशव्यापी विरोध – प्रदर्शन का निर्णय किया है.
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