इस किताब को लिखने के पीछे अपने विचार के बारे में बात करते हुए, बाबा करणवीर ने कहा, "मेरी किताब नुस्खे का विचार मुझे 2020 के आसपास आया, जब कोविड आया और दुनिया लॉकडाउन में चली गई। इस बीच, मैं दुनिया भर में घूम रहा था और ऐसी चीजें देख रहा था जो ज़्यादातर लोगों ने कभी नहीं देखी थीं। जब मैं आखिरकार अपने घर, भारत लौटा, तो मेरे दोस्त और परिवार वाले पूछते रहे, "तुम वायरस से कैसे संक्रमित नहीं हुए?" और मैंने मज़ाक में कहा, "शायद यह देसी भारतीय नुस्खे हैं जिन्होंने मुझे सुरक्षित रखा।" "मैंने इन प्राचीन, घरेलू नुस्खों के बारे में लिखना शुरू किया, जिनका इस्तेमाल हमारी दादियाँ और नानीयाँ सदियों से करती आ रही हैं। ये सरल, प्राकृतिक भारतीय इम्युनिटी हैक्स पीढ़ियों से इम्युनिटी को बढ़ा रहे हैं। बहुत से लोगों से बात करने के बाद, मुझे एहसास हुआ कि इन नुस्खों ने उनकी इम्युनिटी को मज़बूत करने में कितनी बड़ी भूमिका निभाई है। यह 1.5 बिलियन भारतीयों की एक अनकही कहानी की तरह है जिसे दुनिया को वाकई सुनने की ज़रूरत है। यह सिर्फ़ एक रेसिपी नहीं है, बल्कि इसमें किरदार और कहानियाँ भी हैं।" बाबा करणवीर ने आगे कहा। अपनी किताब के सफल लॉन्च के बाद बाबा करणवीर जल्द ही दो और किताबें लॉन्च करने के लिए तैयार हैं। एक इंडो-पर्सियन प्रेम कहानी है और दूसरी उनके खाने के रोमांच पर होगी: 100 फूड फ्रोमै 100 कंट्री।
मुंबई (अनिल बेदाग) : बाबा करणवीर ने अपनी पहली किताब 'नुस्खे- द इंडियन इम्युनिटी हैक' का विमोचन किया, जिसमें शालिनीताई ठाकरे, श्री अजय कौल - अध्यक्ष मोहल्ला समिति वर्सोवा और डॉ. चेतन कलाल - प्रथम डीएम हेपेटोलॉजिस्ट उपस्थित थे। बाबा करणवीर ने सौ देशों की यात्रा करके इंपैक्टफुल इंडियन ट्रावेल इनफ्लुएंसर ऑफ़ द ईयर 2024 का पुरस्कार जीता है। पेशे से बाबा करणवीर उर्फ करणवीर गौतम प्रतिष्ठित एयरलाइनों के लिए केबिन क्रू के रूप में काम करते हैं। यात्रा और खाने के प्रति उनके प्रेम ने उन्हें एक ट्रावेल और फूड ब्लॉगर बना दिया। अब जीवन की यात्रा में आगे बढ़ते हुए, उन्होंने अपने कुछ अनुभवों को 'नुस्खे' किताब के माध्यम से लोगो के सामने रखा है।
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