भाकपा-माले ने अपने शोक संदेश में कहा है कि इंदू शेखर जी जीवनपर्यंत कम्युनस्टि आदर्शों का पालन करते हुए वंचित तबके की लड़ाई लड़ते रहे. वे वाम एकता के प्रबल हिमायती थे. 1988 से उनका जुड़ाव भाकपा-माले से है. तत्कालीन महासचिव का. विनोद मिश्रा के साथ उन्होंने कई सभाओं को संबोधित किया था. इंदू शेखर जी ने मार्क्सवाद के प्रचार-प्रसार के लिए माले द्वारा गठित मार्क्सवादी अध्ययन संस्थान के पटना चैप्टर के निदेशक भी रहे. भाजपा-संघ के नेतृत्व में बढ़ते फासीवादी हमले के खिलाफ वे वाम-जनवादी एकता के बड़े पैरोकार थे. इंडिया गठबंधन जब अपने अस्तित्व में आया तब उन्होंने खुले दिल से उसका स्वागत किया था. भाकपा-माले ने कहा है कि फासीवाद को पीछे धकेलने के लिए संसदीय दायरे से लेकर जनांदोलनों के स्तर पर व्यापक व जीवंत एकता का निर्माण ही उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि होगी.
पटना 20 दिसंबर (रजनीश के झा)। भाकपा-माले महासचिव का. दीपंकर भट्टाचार्य और राज्य सचिव कुणाल ने वरिष्ठ कम्युनिस्ट नेता और पटना उच्च न्यायालय के वरीय अधिवक्ता इंदू शेखर प्रसाद सिन्हा के निधन पर गहरा शोक जताया है. उनकी मौत की खबर सुनकर आज राज्य सचिव कुणाल और पार्टी के वरिष्ठ नेता केडी यादव ने उनके पोते जन्मेजय गिरिधर व अन्य परिजनों से मुलाकात की तथा पार्टी की ओर से संवेदना प्रकट की. पार्टी महासचिव का. दीपंकर भट्टाचार्य ने टेलीफोन पर उनके परिजनों से बात करके दिवंगत कॉमरेड को अपनी श्रद्धांजलि दी.
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