कविता : खुश रहती है बेटी - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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रविवार, 5 जनवरी 2025

कविता : खुश रहती है बेटी

हर बार खुश रहती है बेटी,

जीवन में सब संभालती बेटी,

हर परिस्थिति में धैर्य रखती बेटी,

मां बाप का नाम रोशन करती बेटी,

अपने दुख को हमेशा दबाती बेटी,

और खुशियां सब में फैलाती बेटी,

ना कोई समझ है पाया है उसको,

ना कभी कोई समझ पाएगा उसको,

अपनों के लिए अक्सर लड़ जाती बेटी





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कक्षा 8

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