कविता : आगे बढ़ते रहना दोस्त - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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शनिवार, 11 जनवरी 2025

कविता : आगे बढ़ते रहना दोस्त

दोस्त ज़िंदगी को आगे बढ़ाते रहना,

दुख हो या सुख हो, हमेशा हंसते रहना,

राह में फूल हों या कांटे हों, बस हारना नहीं,

आगे बढ़ते जाना तुम मगर झुकना नहीं,

उस फूल जैसे बनना, जो देते हर ख़ुशी,

रोज़ चांदनी रात की तरह तुम चमकना,

जिसकी चमक में कभी कोई कमी न हो,

तुम हमेशा हंसते रहना मेरे दोस्त,

खुशियां जग में हमेशा बांटते रहना।।





Disha-charkha-feature


दिशा

उम्र-17

जगथाना, कपकोट

बागेश्वर, उत्तराखंड

चरखा फीचर्स

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