- सिद्धेश्वर मंदिर के अंदर 3 खंडित शिवलिंग मिले, पुनर्स्थापना खरमास के बाद पूजा-पाठ भी शुरू होगी
वाराणसी (सुरेश गांधी)। दशाश्वमेध क्षेत्र के मदनपुरा इलाके में पिछले सैकड़ों वर्षों से मुस्लिम बहुल इलाके में बंद पड़पड़े सिद्धेश्वर महादेव मंदिर को बुधवार को खोल दिया गया है. मंदिर के अंदर 3 खंडित शिवलिंग मिले हैं, जिसकी पुनर्स्थापना खरमास के बाद की जाएगी और मंदिर परिसर में पूजा-पाठ भी शुरू होगी. डीसीपी काशी गौरव बंसवाल ने बताया कि मदनपुरा इलाके में 100 से ज्यादा सालों से बंद पड़े शिव मंदिर को खोला गया है. मंदिर के अंदर बहुत धूल और मिट्टी थी, जिसको नगर निगम की टीम की मदद से बाहर निकाला गया. पूरे इलाके में पुलिस और पीएसी के जवानों की गयी है। मंदिर में पूजा-पाठ के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि मंदिर सार्वजनिक और किसी एक को अधिकृत नहीं किया जा सकता है. कोई भी आकर मंदिर में पूजा कर सकता है। एडीएम सिटी आलोक वर्मा ने बताया कि मंदिर को खोले जाने का किसी ने भी विरोध नहीं किया. मंदिर में पूजा-पाठ पर जल्द निर्णय लिया जाएगा. 2 फिट से ऊपर मिट्टी जमा थी, जिसे नगर निगम के सहयोग से साफ किया गया है.
बता दें कि मंदिर खुलवाने के लिए 6 जनवरी को सनातन रक्षक दल के कार्यकर्ता और बंगाली महिलाओं ने शंखनाद किया था। महिलाओं ने प्रशासन से अपील करते हुए कहा था कि जब कागज पर यह प्रमाणित हो चुका है कि इस मंदिर की जमीन नहीं बिकी है तो फिर मंदिर में पूजा शुरू करने की अनुमति दी जाए। मदनपुरा के गोल चबूतरा इलाके में स्थित मकान नंबर डी-31/65 के पास 17 दिसंबर को बंद मंदिर मिला था। सनातन रक्षा दल के कार्यकर्ता मंदिर में पूजा शुरू कराने पहुंचे थे, लेकिन प्रशासन ने स्वामित्व की जांच का हवाला देते हुए मामला शांत कर दिया। पिछले दिनों जिला प्रशासन ने दस्तावेज की जांच की, जिसमें यह पाया गया कि मंदिर एक सार्वजनिक स्थल है। मंदिर से सटे भवन को मुस्लिम परिवार को बेचा गया था। मंदिर का कपाट खुलते ही भक्तों ने हर- हर महादेव का जयकारा लगाया। अधिकारियों की मौजूदगी में मंदिर का कपाट खुला। मौके पर एडीएम सिटी और डीसीपी काशी मौजूद रहे। बताया जा रहा है कि शिव मंदिर के अंदर से खंडित शिवलिंग मिला है। भगवान शिव का मंदिर कई वर्षो से बंद पड़ा था। मंदिर कई वर्षों से बंद पड़े रहने के चलते मिट्टी जम गया था। ऐसे में नगर निगम वाराणसी की टीम से सफाई कराई जा रही है।
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