"यह प्रेसीडेंसी महिलाओं को ज्ञान और संसाधनों के साथ सशक्त बनाने वाली पहल शुरू करने का एक अनूठा अवसर प्रदान करती है, जिससे स्वस्थ जीवन और मजबूत समुदाय सुनिश्चित होते हैं। संपूर्ण: स्वस्थ जन्म अभियान, नो योर नंबर्स और दो टीके जिंदगी के जैसे कार्यक्रमों के माध्यम से, हम सभी का अच्छा स्वास्थ्य बनाए रखने के लिए कोशिश करेंगे। गर्भधारण पूर्व देखभाल को बढावा देने के मकसद से हम 1 मिलियन से अधिक महिलाओं को लाभान्वित करेंगा। ताकि माता मृत्यू दर को 20 प्रतिशत कमी किया जा सके। नो योर नंबर्स एक मिलियन से अधिक महिलाओं से महत्वपूर्ण स्वास्थ्य डेटा एकत्र करेगा, जिससे रोकथाम योग्य बीमारियों को कम करने में मदद मिलेगी। मधुमेह, उच्च रक्तचाप और एनीमिया जैसी पुरानी बीमारियों के शुरुआती लक्षणों की पहचान करके, इस कार्यक्रम से सालाना 10 लाख महिलाओं वैद्यकीय सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। ताकि उनका स्वास्थ्य अच्छा किया जा सके। गर्भाशय ग्रीवा के कैंसर से बचाने के लिए महिलाओं के लिए एक अभियान शुरू किया जाएगा इस अभियानद्वारा 5 मिलियन महिलाओं को एचपीवी टिकाकारण किया जाएगा।" डॉ. तांदुलवाडकर ने आगे कहा कि भारत भर में महिलाओं को न केवल महत्वपूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध करना हैं, बल्कि वे अपने स्वास्थ्य की जिम्मेदारी स्वयं उठाने में भी सक्षम होनी चाहिए। डॉ. तांदुलवाडकर के नेतृत्व में दूरदर्शी पहलों की घोषणा की गयी। डॉ. सुनीता तांदुलवाडकर की अध्यक्षता एफओजीएसआय के गौरवशाली इतिहास में एक नया अध्याय जोड़ती है। उनकी दूरदर्शी पहल का उद्देश्य स्वास्थ्य सेवा की चुनौतियों का समाधान करना, महिलाओं को सशक्त बनाना और आने वाली पीढ़ियों के लिए एक स्वस्थ, अधिक समावेशी भविष्य का निर्माण करना है।
मुंबई (अनिल बेदाग) : जियो वर्ल्ड कन्वेंशन सेंटर में 67वें ऑल इंडिया काँग्रेस ऑफ ऑब्स्टेट्रिक्स ऐंड गायनेकोलॉजी के ऐतिहासिक मौके पर अंतर्राष्ट्रीय रूप से प्रतिष्ठित एक इनफर्टिलिटी स्पेशलिस्ट, एंडोस्कोपिक सर्जन और गायनेकोलॉजिस्ट डॉ. सुनीता तांदुलवाडकर को भारतीय प्रसूति एवं स्त्री-रोग समाज संघ की 63वीं अध्यक्ष नियुक्त किया गया हैं। डॉ. तांदुलवाडकर ने पूरे भारत में महिला स्वास्थ्य की मुश्किल चुनौतियों का सामना करने और हेल्थकेयर की उपलब्धता, शिक्षा और निरोधात्मक देखभाल को विकसित करने के मज़बूत जज़्बे के साथ इस प्रतिष्ठित भूमिका को स्वीकार किया। डॉ. तांदुलवाडकर ने कहा, "एफओजीएसआय जैसे प्रभावशाली संगठन का नेतृत्व करना सम्मान और जिम्मेदारी दोनों है, जो भारत में 277 समाजों में 46,000 से अधिक प्रसूति और स्त्री रोग विशेषज्ञों का प्रतिनिधित्व करता है।"
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